शराब फैक्टरी के खिलाफ लोगों के बीच पनप रहा गुस्सा, धरना जारी
हरियाणा की सीमा के साथ सटे हुए हिमाचल क्षेत्र में लगने जा रही शराब फैक्टरी के खिलाफ नारायणगढ़ उपमण्डल के लगभग आधा दर्जन गांवों के लोगों के बीच पनप रहा गुस्सा अब मुखर होने लगा है। दोनों राज्यों के प्रशासन उच्चाधिकारियों मुख्यमंत्री व पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से लोगों ने शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया।
संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : हरियाणा की सीमा के साथ सटे हुए हिमाचल क्षेत्र में लगने जा रही शराब फैक्टरी के खिलाफ नारायणगढ़ उपमण्डल के लगभग आधा दर्जन गांवों के लोगों के बीच पनप रहा गुस्सा अब मुखर होने लगा है। दोनों राज्यों के प्रशासन, उच्चाधिकारियों, मुख्यमंत्री व पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से लोगों ने शनिवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया।
बता दें उपमंडल के गांव छोटे पुलेवाला के बिल्कुल नजदीक हिमाचल की नाहन तहसील के गांव कुंडला में अल्को सीपरिट नाम से एक शराब फैक्ट्री लगने जा रही है जिस जगह पर यह फैक्ट्री लगाई जा रही है वह जगह अंबाला जिले के गांव पुलेवाला व पंचकूला जिले के गांव मण्डलाये की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। यही नही, प्रस्तावित फैक्ट्री स्थल से मण्डलाये गांव का सरकारी मिडल स्कूल तो काफी नजदीक है, इस फैक्ट्री के लगने से क्षेत्र में फैलने वाले प्रदूषण से चितित ग्राम पंचायत पूलेवाला, खानपुर राजपूतान, लाहा, सम्भालवा, फतेहपुर आदि ने इस संदर्भ में हिमाचल व हरियाणा दोनों राज्यों के आला प्रशासनिक व जिला अधिकारियों को शिकायत दे अपनी चिता से अवगत करवाया। पंचायतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मंत्री व कुरुक्षेत्र के मौजूदा सांसद से भी हस्तक्षेप की गुहार लगाई लेकिन दोनों राज्यों के अधिकारियों ने ग्रामीणों की इस शिकायत पर कोई कान नही धरे। प्रशासन विशेषकर हरियाणा के प्रशासनिक अधिकारियों के ढुलमुल रवैये व अनदेखी से आजिज आये क्षेत्रवासियों ने संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के बैनर तले शनिवार को एक दिवसीय धरना दे प्रशासन को चेताया।
धरना प्रदर्शन को विभिन्न राजनैतिक दलों के इलावा स्थानीय बार एसोसिएशन प्रधान एडवोकेट धर्मवीर ढींडसा, खण्ड की दर्जनों पंचायतों के सरपंचों, पंचायत सदस्यों, नंबरदारों आमजनमानस के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी समर्थन दिया। धरने को सम्बोधित करते हुए ग्रामीण प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि वह क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगाड़ने वाली इस फैक्ट्री को हरगिज नही लगने देंगे, यदि 19 अक्टूबर तक प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही न की तो चुनावों का बहिष्कार भी किया जा सकता है।