अंबाला के खिलाड़ियों में है सिर्फ जीत का जुनून
बेशक लॉकडाउन में खेल सेंटर बंद है लेकिन खिलाड़ियों को जुनून उनको चैन से नहीं बैठने दे रहा है। किसी ने अपने घर की छत को मैदान बना लिया है तो कोई घर के आसपास ही अपने प्रेक्टिस को जारी रखे है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : बेशक लॉकडाउन में खेल सेंटर बंद है, लेकिन खिलाड़ियों को जुनून उनको चैन से नहीं बैठने दे रहा है। किसी ने अपने घर की छत को मैदान बना लिया है, तो कोई घर के आसपास ही अपने प्रेक्टिस को जारी रखे है। विपरीत परिस्थितियों में इन खिलाड़ियों का हौसला देखते ही बन रहा है। रोजाना सुबह शाम की प्रेक्टिस का रूटीन नहीं भूले हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में अपनी दावेदारी को पक्का करना है और मौका हाथ से ये खिलाड़ी जाने नहीं देना चाहते हैं। यही कारण है कि लॉकडाउन के बावजूद ये खिलाड़ी प्रेक्टिस करना नहीं भूलते।
----------- घर की छत पर ही रोजाना प्रैक्टिस कर रही हूं। लॉकडाउन में तो सेंटर बंद हैं, लेकिन प्रेक्टिस को तो छोड़ नहीं सकते। इसी कारण से घर पर ही सुबह व शाम रूटीन में प्रेक्टिस की जा रही है। इस में कोच बताती हैं कि कैसे एक्सरसाइज आदि करनी है। वे रूटीन में उनको कॉल कर पूछती हैं और यदि कहीं कोई परेशानी होती है, तो वे ऑनलाइन ही इसका हल करती हैं।
- रीतिका, जूनियर नेशनल मेडलिस्ट
----------- खेल सेंटर बेशक बंद कर दिए गए हैं, लेकिन प्रेक्टिस को बंद नहीं कर सकते हैं। यदि कुछ दिन भी प्रेक्टिस छोड़ दी, तो काफी नुकसान होगा। घर के असापास ही रनिग, स्ट्रेचिग आदि एक्सरसाइज तो रोजाना कर रहे हैं। प्रेक्टिस के दौरान कुछ दिक्कतें आती हैं, तो कोच से पूछ लेते हैं। खेलो इंडिया की तैयारी कर रहे हैं और मौका तो छोड़ना नहीं है।
- गौरव चौधरी, खिलाड़ी
----------- इन दिनों खिलाड़ी घर पर ही प्रेक्टिस कर रहे हैं। इस दौरान मैं खुद इनके संपर्क में रहती हूं, जबकि खिलाड़ियों की कॉल भी नियमित रूप से आती है। खिलाड़ी पूछते हैं कि प्रेक्टिस किस तरह से करनी है, रोजाना का एक ही रूटीन रखा जाए या फिर में बदलाव किया जाए। इन सभी के बारे में ऑनलाइन टिप्स भी दी जाती है।
- संतोष धीमान, हैंडबाल कोच, अंबाला