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45 दिन भटकने के बाद धरने पर बैठा तो एक घंटे में निगम आयुक्त ने जारी कर दी एनडीसी

शहर में सिटी सेंटर वाटिका में 365 ग•ा की प्रापर्टी बेच दिया गया लेकिन नगर निगम से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनडीसी ) जारी नहीं हो रहा था। करीब 45 दिन तक प्रापर्टी डीलर कृपाल सिंह सैनी चक्कर काटता रहा लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 07:00 AM (IST)
45 दिन भटकने के बाद धरने पर बैठा तो एक घंटे में निगम आयुक्त ने जारी कर दी एनडीसी
45 दिन भटकने के बाद धरने पर बैठा तो एक घंटे में निगम आयुक्त ने जारी कर दी एनडीसी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: शहर में सिटी सेंटर वाटिका में 365 ग•ा की प्रापर्टी बेच दिया गया लेकिन नगर निगम से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनडीसी ) जारी नहीं हो रहा था। करीब 45 दिन तक प्रापर्टी डीलर कृपाल सिंह सैनी चक्कर काटता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। ऐसे में परेशान होकर कृपाल सिंह सैनी अपने एक साथी के साथ नगर निगम में धरने पर बैठ गया। 45 दिन भटकने के बाद जो काम नहीं हो रहा था उसे एक घंटे गांधीगिरी से करवा लिया। यह पहला मामला नहीं है, ऐसे कई लोग अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए भटकते हैं।

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बता दें कि कृपाल सिंह ने एक प्रापर्टी बिकवाई थी। इसकी रजिस्ट्री तब होनी थी जब नगर निगम एनओसी जारी करता। इससे पहले प्रापर्टी डीलर ने निगम से इस जमीन की म्यूटेशन करवाई और फिर एनओसी के लिए फाइल जमा करवा दी। पहले तो म्यूटेशन के लिए ही निगम ने चक्कर कटवा दिए और फिर एनओसी के लिए। एनडीसी लेने के लिए बेहद परेशान होने के बाद सोमवार को प्रापर्टी डीलर कृपाल सिंह सैनी अपने एक साथी के साथ धूप में ही निगम कार्यालय में सांकेतिक धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने कोई हमें एनडीसी दिला दे और सिटीजन चार्ट लागू करें आदि के लिखे बैनर लिए थे। इसके बाद निगम की कार्यप्रणाली से परेशान लोग निगम में पहुंचने लगे थे। मौके पर आयुक्त धरने पर बैठे कृपाल सिंह सैनी के पास पहुंचे और उनकी समस्या का समाधान कर दिया। आयुक्त के आदेश के बाद निगम अधिकारियों ने उनकी एनडीसी जारी की, तो उन्होंने धरना समाप्त किया। कृपाल सिंह सैनी ने कहा अधिकारी व कर्मचारी टाल-मटोल का रवैया अपनाते हैं। इससे लोग न केवल परेशान होती हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा भी मिलता है। उन्होंने बताया कि नगर निगम में 45 दिन से एनडीसी के लिए भटक रहा था, और 25 दिन से फाइल दबी थी। मजबूरी में परेशान होकर निगम में धरने पर बैठा।


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