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बहुत दिनों बाद नन्हे-मुन्नों ने स्कूल में पढ़ा दो दूनी चार

बड़े दिनों बाद सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थी पहुंचे। यहां नन्हे-मुन्नों ने दो दूनी चार और अ से आम के पाठ को दोहराया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:55 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:55 AM (IST)
बहुत दिनों बाद नन्हे-मुन्नों ने स्कूल में पढ़ा दो दूनी चार
बहुत दिनों बाद नन्हे-मुन्नों ने स्कूल में पढ़ा दो दूनी चार

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : बड़े दिनों बाद सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थी पहुंचे। यहां नन्हे-मुन्नों ने दो दूनी चार और अ से आम के पाठ को दोहराया। पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थी करीब 343 दिन बाद अपनी कक्षा में पहुंचे थे। हालांकि सोमवार को इनकी संख्या कम थी। हालांकि जो विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचे थे उनमें स्कूल आने की बेहद खुशी थी। जिसमें विद्यार्थियों ने ध्यानपूर्वक कक्षा लगायी।

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बेशक प्रदेश सरकार ने सोमवार को पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूलों का खोल दिया है, लेकिन चिकित्सीय प्रमाण पत्र नहीं मिल पाने की स्थिति में कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजा। एक अभिभावक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह मजदूरी करके घर चलाता है। यदि उसके पास राशि उपलब्ध हो तो वह अपने बच्चे को निजी स्कूल में शिक्षा दिलवाता। अब सरकारी स्कूलों में भी मेडिकल मांगे जा रहे हैं। मेडिकल बनवाने के लिए डाक्टरों को फीस अदा करनी पड़ती है। जबकि बीमार होने पर भी बड़ी मुश्किल से इलाज करवाया जाता है। ऐसे में अकेले मेडिकल की फीस कैसे दें।

----- बच्चों को लेकर पहुंचे थे अभिभावक

पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को लेकर अभिभावक स्कूल पहुंचे थे और छुट्टी होने के बाद भी लेने भी आए थे। ऐसे मामले भी देखने को मिले कि मां अपने लाडले को लेकर स्कूल पहुंची और जहां तीन घंटे की कक्षा पूरे होने तक स्कूल में बैठकर ही इंतजार किया। पूछने पर बताया कि उसका बेटा अभी छोटा है और स्कूल से उनका घर काफी दूर है। इस कारण वह दो बार चक्कर नहीं लगा सकती। ऐसे में इंतजार करना मजबूरी है।

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नैना ने बताया कि वह पहली कक्षा में पढ़ती है। आज उसे पढ़ने के लिए मम्मी ने स्कूल भेजा है। वह भी स्कूल में आना चाहती थी। छुट्टियों में मम्मी घर पर पढ़ाई करवाती थी, परंतु मम्मी को घर का काम करना पड़ता था। इस कारण कभी-कभी मम्मी काम में ज्यादा व्यस्त हो जाती थी और पढ़ाई रह भी जाती थी।

---- सिमरनप्रीत सिंह ने बताया कि वह दूसरी कक्षा में पढ़ता है। उसे घर में बैठकर पढ़ना अच्छा लगता था और स्कूल में भी अच्छा लग रहा है। यहां क्लास टीचर अच्छे से याद करवाती है और दूसरे बच्चे भी साथ में पढ़ते हैं। लेकिन मम्मी व मैडम कहतीं हैं कि क्लास में दूरी और मुंह पर मास्क जरूरी है।


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