84 हजार 262 डिफाल्टरों ने डकारे बिजली निगम के 102 करोड़
84 हजार 262 डिफाल्टरों ने अंबाला सर्कल में बिजली निगम के 102 करोड़ 16 लाख रुपये डकार लिए हैं। लाख जतन के बावजूद ये डिफाल्टर बिजली निगम का कर्ज उतारने के लिए तैयार नहीं है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : 84 हजार 262 डिफाल्टरों ने अंबाला सर्कल में बिजली निगम के 102 करोड़ 16 लाख रुपये डकार लिए हैं। लाख जतन के बावजूद ये डिफाल्टर बिजली निगम का कर्ज उतारने के लिए तैयार नहीं है। अंबाला सर्कल में पंचकूला, अंबाला शहर और अंबाला छावनी एरिया शामिल हैं। बड़ी बात यह है कि अंबाला शहर और पंचकूला दोनों को मिलाकर जितने डिफाल्टर बनते हैं उतने अकेले अंबाला छावनी में बनते हैं। डिफाल्टरों की बात करें तो अंबाला शहर में सबसे कम 16 हजार 779 डिफाल्टरों पर 18 करोड़ 70 लाख 68 हजार, अंबाला छावनी में 41 हजार 213 डिफाल्टरों पर 48 करोड़ 66 लाख 87 हजार जबकि पंचकूला में 26 हजार 270 डिफाल्टरों पर 34 करोड़ 79 लाख रुपये बकाया हैं।
बिल व जुर्माना माफी योजना के बावजूद ऐसी हालत
यह हालत उस समय है जब सरकार ने बिल व जुर्माना माफी योजना लागू की है। 20 सितंबर से वर्तमान समय तक महज 9 फीसद डिफाल्टर ही बिल भर सके हैं। इनसे 18 प्रतिशत रिकवरी विभाग ने की है। बिल व जुर्माना माफी योजना का अभी तक अंबाला सर्कल में केवल 7611 उपभोक्ताओं ही लाभ लेने सामने आए। इनसे विभाग ने 2 करोड़ 93 लाख रुपये की रिकवरी की। कुल 7611 उपभोक्ताओं में से 2116 उपभोक्ताओं के दोबारा मीटर भी लगाए गए। इनमें से अंबाला शहर में 1016, छावनी में सबसे कम 258 और पंचकूला में 842 मीटर लगे। अंबाला शहर में स्कीम के तहत बिल भरने पर 1536 डिफाल्टरों ने 73 लाख छावनी में 3 हजार 91 डिफाल्टरों ने एक करोड़ 11 लाख और पंचकूला में 1 करोड़ 8 लाख रुपये जमा करवाए।
80 फीसद तक बिल व जुर्माना माफी के बाद भी क्यों नहीं आगे आ रहे डिफाल्टर
सरकार की बिल व जुर्माना माफी योजना के तहत डिफाल्टरों के 80 फीसद तक बिल माफ हो रहे हैं लेकिन इसके बाद भी डिफाल्टर इसीलिए रूचि नहीं ले रहे क्योंकि बिजली निगम जनता तक इस योजना का प्रचार और प्रसार आज तक सही ढंग से नहीं कर पाया। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को जिलेभर में कई जगह बिल माफी योजना के तहत शिविर तो लगाए गए लेकिन विभाग इसकी सूचना ही नहीं दे पाया। जिन 7611 डिफाल्टरों ने 2 करोड़ 93 लाख रुपये जमा कराए उन पर कुल 18 करोड़ रुपये बिल जुर्माने सहित बनता था लेकिन स्कीम के तहत 2.93 करोड़ जमा कराकर ही काम चल गया।
महज एक साल ही बिल वसूला जाएगा, शेष माफ
इस योजना की सबसे बड़ी खास बात यह है कि केवल एक साल का बिल ही डिफाल्टर से वसूला जाता है। शेष सारा बिल उसका माफ कर दिया जाता है। चाहे वह तीन साल का हो या इससे ज्यादा समय का। इतना ही नहीं ऐसे उपभोक्ता जिनपर बिजली चोरी का केस बना है वह 50 प्रतिशत बिजली चोरी की राशि बिना ब्याज के भरकर मीटर लगवा सकते हैं। योजना में शामिल ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं से प्रति किलोवाट 40 यूनिट, शहरी से 50, गैर घरेलू ग्रामीण से 75 और गैर घरेलू शहरी से 150 यूनिट प्रति किलोवाट की दर से बिल वसूला जाता है। यानी आपका मीटर यदि दो किलोवाट का है और आप ग्रामीण एरिया से हैं तो प्रति माह 80 यूनिट के हिसाब से बिल बनाकर सारा बिल व जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। चाहे आपका प्रति माह का बिल 10 हजार क्यों न आया हो।
बिल व जुर्माना माफी योजना के तहत लगाए दरबार, एसई ने किया निरीक्षण 31 दिसंबर तक उठा सकते हैं योजना का लाभ, आज भी लगेंगे कई एरिया में दरबार
बिजली निगम ने मंगलवार को बिल व जुर्माना माफी योजना के तहत अंबाला में चार अलग-अलग एरिया में दरबार लगाकर उपभोक्ताओं को राहत दी। हालांकि बिल व जुर्माना माफी दरबार में बहुत से उपभोक्ता बिल न आने, बिना री¨डग के बिल भेजने की शिकायतें लेकर भी पहुंच गए। लेकिन ऐसे उपभोक्ताओं की फरीयाद को दरकिनार कर दिया गया। क्योंकि यह दरबार केवल डिफाल्टरों के लिए ही थे जिन्होंने लंबे समय से बिल नहीं भरे थे या जिनके बिल नहीं भरने के कारण मीटर कट गए थे। अंबाला शहर में जगाधरी गेट के पास हरि मंदिर धर्मशाला में, विजय नगर, नामदेव मंदिर और चौड़मस्तपुर में दरबार लगाए गए। एसई आरके खन्ना और शहर एक्सइएन बीएस कंबोज ने दरबारों का निरीक्षण के कर्मियों को अधिक से अधिक प्रचार करने और ज्यादा से ज्यादा कर्मी लगाकर बिल भरवाने के आदेश दिए।
आज यहां ले सकते हैं योजना का लाभ
बिल एवं जुर्माना माफी योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को कोई पुराना बिल व आधार कार्ड की कापी साथ लेकर जाना अनिवार्य है। बुधवार को मटेहड़ी शेखां और मटहेड़ी अड्डे पर दरबार लगाया जाएगा। वहीं छह दिसंबर को बटरोहन गांव में सुबह 10 बजे और जगौली में दोपहर एक बजे दरबार लगाया जाएगा।
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31 दिसंबर तक डिफाल्टर इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं। अंबाला सर्कल की बात करें तो यहां करीब 84 हजार डिफाल्टरों पर 102 करोड़ रुपये बकाया है। योजना के तहत अभी तक करीब 7600 लाभ ले चुके हैं।