माता बाला सुंदरी की दिव्य पिडी पर 61 किलो मक्खन व मेवे का लेप किया
मुलाना में आस्था विश्वास व श्रद्धा का संगम देखने को मिलता है। यहां महामाई माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना में हर साल की तरह इस साल भी मंदिर प्रांगण में माता बाला सुंदरी देवी मां की दिव्य पिडी को 61 किलो मक्खन का लेप किया गया।

संवाद सहयोगी, मुलाना : मुलाना में आस्था, विश्वास व श्रद्धा का संगम देखने को मिलता है। यहां महामाई माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना में हर साल की तरह इस साल भी मंदिर प्रांगण में माता बाला सुंदरी देवी मां की दिव्य पिडी को 61 किलो मक्खन का लेप किया गया। इसे 23 जनवरी को सुबह हवन यज्ञ करने के बाद श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा।
मान्यता है कि मक्खन रूपी दवाई को चमड़ी के रोगी को लगाने से उसका चर्म रोग दूर हो जाता हैं। मंदिर कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि इस कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मंदिर में मक्खन रूपी औषधि के लिए केवल दोनों वैक्सीन लगे श्रद्धालुओं को ही प्रवेश करने दिया जाएगा। इसके साथ-साथ कोविड नियमों की पालना भी अनिवार्य होगी। इसलिए बांटी जाती है मक्खन रूपी औषधि
मंदिर पुजारी पंडित चिरंजीवी ने बताया कि जब माता बाला सुंदरी जी भैरों के प्रहार से घायल हो गई थीं। तब माता ने मकर संक्रांति के दिन गर्भजून में मक्खन से सात दिन तक लेप किया था, जिससे माता के जख्म ठीक हो गये थे। इसलिए हर साल मकर संक्रांति के दिन मुलाना मंदिर में माता की दिव्य पिडी को मक्खन का लेप लगाया जाता है। इसके बाद उस मक्खन को औषधि के रूप में लोगो को वितरित किया जाता है। इससे लोगों के चर्म के रोग दूर हो जाते हैं। इस मान्यता पर स्थानीय लोगों को पूर्ण विश्वास है, जिसके चलते हर साल लोग इस मक्खन रूपी औषधि व मां के आशीर्वाद को लेने सैकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं। मुलाना मंदिर में यह परम्परा पिछले 12 सालों से निभाई जा रही है। माता बृजेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा के बाद केवल मुलाना में है ये मान्यता
मंदिर कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि मक्खन रूपी लेप को औषधि के रूप में बांटे जाने की मान्यता माता बृजश्वेरी मंदिर कांगड़ा के बाद केवल माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना में ही है। मान्यता के चलते मंदिर में सैकड़ों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु इस औषधि को लेकर चर्म रोगों को दूर करते हैं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष यहां मक्खन रूपी औषधि लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। लोगों को माता की कृपा से मक्खन रूपी औषधि लगाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिल रहा है। 3 किलो मेवा व 58 किलो मक्खन से किया गया लेप
माता बाला सुंदरी मंदिर मुलाना में मकर संक्रांति पर माता की दिव्य पिडी पर किए लेप में 3 किलो मेवा व 58 किलो मक्खन का प्रयोग किया है। मंदिर कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि हर साल मंदिर प्रांगण में करीब 31 या 40 किलो की मक्खन से प्रतिमा बनाई जाती थी, लेकिन लोगों को पहुंच रहे फायदे व श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते पिछले कुछ सालों से मंदिर में 61 किलो मक्खन का प्रयोग कर रहे है। वहीं इस बार पहली बार माता बाला सुंदरी जी की दिव्य पिडी को मक्खन से लेप किया गया है।
Edited By Jagran