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45328 डिफाल्टरों से 16 वसूलकर छोड़े 30 करोड़

उमेश भार्गव, अंबाला शहर: बिल एवं जुर्माना माफी योजना की अवधि एक माह बढ़ाने के बावजूद 95 फीसद डिफाल्टरों से वसूली करने का लक्ष्य अधिकारी जिले में पूरा नहीं कर पाए। करीब 82 फीसद डिफाल्टरों से ही इस अवधि में रिकवरी हो सकी। इसके लिए भी खूब जद्दोजहद करनी पड़ी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 07:24 PM (IST)
45328 डिफाल्टरों से 16 वसूलकर छोड़े 30 करोड़
45328 डिफाल्टरों से 16 वसूलकर छोड़े 30 करोड़

फोटो: 18

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19 करोड़ अभी भी डिफाल्टरों में फंसे

82 फीसद डिफाल्टरों से ही हो सकी वसूली

95 फीसद से वसूली का दिया था सरकार ने टारगेट

31 जनवरी तक बढ़ाई थी सरकार ने बिल एवं जुर्माना योजना

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डिफाल्टरों के कनेक्शन काटने से पहले ट्रेसेबल और नॉन ट्रेसेबल उपभोक्ताओं को तैयार किया जाएगा खाका

सख्ती और छूट के बावजूद 95 फीसद लक्ष्य को छू नहीं पाए अधिकारी, ट्रेस हुए तो होगी कार्रवाई उमेश भार्गव, अंबाला शहर: बिल एवं जुर्माना माफी योजना की अवधि एक माह बढ़ाने के बावजूद 95 फीसद डिफाल्टरों से वसूली करने का लक्ष्य अधिकारी जिले में पूरा नहीं कर पाए। करीब 82 फीसद डिफाल्टरों से ही इस अवधि में रिकवरी हो सकी। इसके लिए भी खूब जद्दोजहद करनी पड़ी। जिन 45 हजार 328 डिफाल्टरों ने निगम अधिकारियों ने करीब 16 करोड़ रुपये की वसूली की उसके लिए सरकार को 30 करोड़ से ज्यादा रुपये के बिल और जुर्माना राशि छोड़नी पड़ी। 31 जून 2018 तक जिले में कुल 55 हजार 55 डिफाल्टर थे और इन पर 64.84 करोड़ रुपये के बिल पें¨डग थे। वर्तमान में 9727 डिफाल्टरों पर करीब 19 करोड़ रुपये की देनदारी है। अब इस राशि की रिकवरी कैसे की जाए इसी को लेकर रणनीति शुरू हो गई है। बड़ी बात यह है कि इस रिकवरी को करने में अब अधिकारियों के पसीने छूटने तय हैं। क्योंकि बहुत से ऐसे डिफाल्टर हैं जिन्हें विभाग आज तक ट्रेस ही नहीं कर पा रहा।

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ये हैं ट्रेसेबल और नॉन ट्रेसेबल डिफाल्टर

ऐसे बिजली उपभोक्ता जिन्होंने लंबे समय से बिल नहीं दिया और विभाग उन्हें तलाश पा रहा है तो उन्हें ट्रेसेबल डिफाल्टर कहा जाता है। ऐसे उपभोक्ता जिनका यही नहीं पता चला रहा कि वह गए तो कहां गए उन्हें नॉन ट्रेसेबल की श्रेणी में रखा गया है। जिले में बहुत से ऐसे मकान हैं जो खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और लंबे समय से बंद हैं। न तो उनके मालिकों की खबर है न ही यह पता कि उसकी जमीन का इस समय वर्तमान में मालिक कौन है।

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निर्धारित पते पर जाकर तलाशा जाएगा रिकार्ड

अब ऐसे डिफाल्टरों के कनेक्शन काटने से पहले बिजली निगम के अधिकारियों को खूब मशक्कत करनी होगी। इसके लिए कर्मियों ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। अब निगम के कर्मी ऐसे डिफाल्टरों की लिस्ट तैयार कर निर्धारित पते पर जाएंगे जहां कनेक्शन लगा हुआ या कटा हुआ बताया जा रहा है। साइट पर जाकर ही यह तय होगा कि वह ट्रेसेबल है या नॉन ट्रेसेबल और उस पर क्या कार्रवाई की जाए।

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जल्द ही हम ट्रेसेबल और नॉन ट्रेसेबल उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार कर लेंगे। करीब 9700 डिफाल्टरों से अभी वसूली की जानी है। सरकार की हिदायता के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

आरके खन्ना, एसई बिजली निगम


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