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गैर कानूनी ढंग से जारी हुई 419 एनओसी, आरटीए दफ्तर में पंजाब पुलिस ने खंगाला रिकार्ड

अवतार चहल, अंबाला : पुरानी गाड़ियों पर फर्जी एनओसी जारी करने पर आरटीए (रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) कार्यालय अंबाला के अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। फर्जीवाड़े की जांच करने मंगलवार को पंजाब पुलिस ने आरटीए दफ्तर में दस्तक दी और रिकार्ड खंगाला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 01:44 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 01:44 AM (IST)
गैर कानूनी ढंग से जारी हुई 419 एनओसी, आरटीए दफ्तर में पंजाब पुलिस ने खंगाला रिकार्ड
गैर कानूनी ढंग से जारी हुई 419 एनओसी, आरटीए दफ्तर में पंजाब पुलिस ने खंगाला रिकार्ड

अवतार चहल, अंबाला : पुरानी गाड़ियों पर फर्जी एनओसी जारी करने पर आरटीए (रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) कार्यालय अंबाला के अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। फर्जीवाड़े की जांच करने मंगलवार को पंजाब पुलिस ने आरटीए दफ्तर में दस्तक दी और रिकार्ड खंगाला। यह मामला करीब 419 फर्जी एनओसी से जुड़ा होने कारण हाई प्रोफाइल हो चुका है। ऐसे हालत में एसआईटी गठित कर दी गई है। हालांकि, फर्जी एनओसी से वाहनों की रजिस्ट्रेशन मामले में पंजाब पुलिस की जांच अभी तक सिर्फ एजेंटों तक अटकी हुई है। आरटीए विभाग के किसी कर्मी या अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। दूसरी तरफ मामले में असिस्टेंट सेक्रेटरी ने पंजाब पुलिस के आने को लेकर पल्ला झाड़ दिया।

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बता दें कि पटियाला के घग्गा पुलिस स्टेशन में तैनात एएसआइ शेर ¨सह की मुखबिरी पर पुलिस ने 13 अक्टूबर 2018 को केस दर्ज किया था। जिसमें पटियाला के सिदूवाला के अमनदीप ¨सह उर्फ रोकी, समाना के प्रदीप शर्मा और अंबाला के अर¨वद्र ¨सह उर्फ बोनी अपने साथियों के साथ मिलकर जाली दस्तावेज तैयार करके वाहनों के रजिस्ट्रेशन कापियां तैयार करते हैं। इन्होंने पटियाला में एक किराये पर कमरा लिया हुआ है। इनके पास से अलग-अलग अथॉरिटी की मोहरें मिली। जो रखना गैरकानूनी है। जांच करने पर पर्दाफाश हुआ कि गैर कानूनी ढंग से 419 एनओसी की गई हैं।

नेट पर डिलीट हो जाती थी जानकारी

किसी भी पुराने वाहन पर लेनदेन से पहले एजेंट फाइल तैयार करके आरटीए या एसडीएम ऑफिस में लगाता था। जिसे बाद में बाबू के साथ मिलकर कुछ समय के लिए नेट पर गाड़ी की अपडेट अपलोड कर दी जाती थी। फिर लेनदेन होने के बाद उसे नेट से डिलीट कर दिया जाता था।

एजेंटों तक सिमटी तीन महीने की तफ्तीश

फर्जी एनओसी से वाहनों की रजिस्ट्रेशन मामले में पुलिस की तीन महीने की तफ्तीश सिर्फ एजेंटों तक सिमट कर रह गई है। मामले में आरटीए दफ्तर के कर्मचारियों की शामिल होने की जांच आगे नहीं बढ़ रही है। तीन महीने के बाद बाद पंजाब पुलिस अंबाला में जांच करने पहुंची लेकिन कोई अफसर न मिलने के कारण खाली हाथ ही वापस लौटी। पंजाब पुलिस की जांच में अब तक एजेंट ही निशाने पर रह रहे हैं, लेकिन मामले की तह तक जाने के बाद ही बड़ी मछलियां को जाल में फंसाया जा सकता है।

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फर्जी पाए गए पते

फर्जी एनओसी से जिन वाहनों की रजिस्ट्रेशन की गई है, वे सभी फेक एड्रेस हैं। इनमें से पांच वाहन यहां नाभा रोड स्थित गांव रौणी के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर हैं। वहीं दूसरी ओर 7 के करीब वाहन भादसों रोड स्थित गांव सिद्धूवाल के एक व्यक्ति के नाम पर हैं। सबसे खास बात यह सामने आई है कि जिन व्यक्तियों के नाम पर वाहनों की रजिस्ट्रेशन की गई है, उस नाम का कोई व्यक्ति गांव में नहीं रहता है। अब पुलिस द्वारा गांव के सरपंचों से लिखित लिया जा रहा है कि ये व्यक्ति गांव में नहीं रहते हैं। इसके अलावा चार टिप्पर बिना एनओसी से रजिस्टर किए गए हैं, जोकि नियमों के उलट है। मैं पांच बजे तक आफिस रहा हूं पंजाब पुलिस आई नहीं, मैं फील्ड में था मेरी मुलाकात नहीं हुई और न ही मुझे पता है।

शम्मी शर्मा, असिस्टेंट सेक्रेटरी, आरटीए मामले को लेकर अंबाला आरटीए दफ्तर में गए थे, वहां पर कुछ जांच की गई और इस मामले में ज्यादा अधिकारी ही बता सकते हैं।

-शेर ¨सह, जांच अधिकारी, पंजाब पुलिस


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