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कोरोना से जंग के लिए रेलवे के कंडम कोच में बनेंगे 350 मिनी अस्पताल

कोरोना के खिलाफ जंग में योगदान के लिए रेलवे अपने कंडम कोचों में मिली अस्‍पताल बनाएगा। कंडम रेलवें कोच में 350 मिनी अस्‍पताल बनाएं जाएंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 09:19 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 09:19 AM (IST)
कोरोना से जंग के लिए रेलवे के कंडम कोच में बनेंगे 350 मिनी अस्पताल
कोरोना से जंग के लिए रेलवे के कंडम कोच में बनेंगे 350 मिनी अस्पताल

अंबाला, [दीपक बहल]। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लडऩे के लिए रेलवे अब कंडम कोच को संवारने की तैयारी में जुट गया है। कोविड केयर सेंटर स्पेशल ट्रेनें बनाने के लिए 350 कोचों को तब्दील करने का काम आरंभ कर दिया गया है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में रेलवे की वर्कशॉप को लक्ष्य दिया गया है कि जल्द से जल्द डिब्बों को मिनी अस्पताल में तब्दील किया जाए। लखनऊ 140, फिरोजपुर 35, मुरादाबाद 5, अंबाला 20 और जगाधरी वर्कशॉप में 150 कोचों में बदलाव किया जा रहा है। प्रत्येक डिब्बे पर 50 से 70 हजार रुपये खर्च आ रहा है। इन डिब्बों को फिलहाल दिल्ली में खड़ा किया जाएगा।

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हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की रेलवे वर्कशॉप में डिब्बों को तब्दील करने का काम शुरू

देशभर में ऐसे डिब्बों की तलाश की जा रही हैं जिन्हें 30 साल हो चुके हैं। यदि 30 साल वाले डिब्बे कम पड़े तो 20 साल पुराने डिब्बों को तब्दील किया जाएगा। इनमें मरीजों की मूलभूत जरूरतों जिसमें नहाने के लिए शावर, मच्छरदानी, बायो टॉयलेट, प्लग, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य सुविधाएं शामिल की जाएंगी। कुल पांच हजार कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील करना है जिसमें 60 फीसद से अधिक का लक्ष्य हासिल कर लिया है। रेलवे ने देशभर में 215 स्टेशन चिह्नित किए हैं जहां कोविड केयर सेंटर स्पेशल ट्रेन खड़ी होगी। 

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बीच वाली बर्थ को हटाया जाएगा

रेलवे कोच को मेडिकल वार्ड में तब्दील करने में बीच वाली बर्थ को हटा दिया गया है ताकि संक्रमित मरीजों के बीच दूरी बनाए रखने के लिए प्लाईवुड की अस्थायी दीवारें भी बनाई गई हैं। प्रत्येक कोच वार्ड में चार टॉयलेट की जगह अब दो हैं, जबकि दो शानदार बाथरूम बनाए गए हैं, जिन्हें अब बदला नहीं जाएगा।

सभी कोच में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइंस को फॉलो किया जाएगा। हर कोच में 8 केबिन बनाए गए हैं। कोशिश की जाएगी कि एक केबिन में एक ही मरीज रहे। कोच में जो मरीज कोरोना के संदिग्ध हैं उन्हें अलग रखा जाएगा और जो मरीज कोरोना पॉजिटिव हैं उन्हें अलग रखा जाएगा।

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नहीं लगेगी गर्मी, तापमान नियंत्रित करने का भी प्रबंध

गर्मी से बचाव और तापमान नियंत्रित करने के लिए कोचों की छत को किसी वस्तु से ढका जाएगा। रेलवे इन आइसोलेशन कोचों में तापमान को नियंत्रित रखने के लिए विभिन्न विकल्पों पर काम कर रहा है। कोविड केयर सेंटर में तब्दील डिब्बों को ठंडा रखने के मद्देनजर रेलवे गर्मी रोकने वाले पेंट और बांस की चिक के अलावा बबल रैप्स जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है।

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