आरपीएफ इंस्पेक्टर समेत 3 सस्पेंड, हटाए गए पोस्ट प्रभारी, दो का श्रीनगर तबादला
कोलकाता से अमृतसर जाने वाली एक्सप्रेस में 20 तोले सोना चोरी प्रकरण में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की किरकिरी के बाद रेलवे मुख्यालय दिल्ली ने बड़ा एक्शन लिया गया है। इस मामले में आरपीएफ के इंस्पेक्टर समेत तीन कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
अंबाला, [दीपक बहल]। कोलकाता से अमृतसर जाने वाली एक्सप्रेस में 20 तोले सोना चोरी प्रकरण में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की किरकिरी के बाद रेलवे मुख्यालय दिल्ली ने बड़ा एक्शन लिया गया है। अंबाला छावनी पोस्ट से आरपीएफ प्रभारी को हटाकर डीआरएम कार्यालय कंट्रोल रूम में अटैच कर दिया गया है। वहीं संदेह के घेरे में आए क्राइम इंटेलीजेंस ब्रांच (सीआइबी) के इंस्पेक्टर सहित तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मुरादाबाद से सीआइबी के ही दो कर्मचारियों का श्रीनगर तबादला कर दिया गया है।
हाल ही में सीआइबी ने उत्तर रेलवे के आरपीएफ आइजी एसएन पांडे को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने इसी रिपोर्ट के अधार पर कार्रवाई की है। विभागीय जांच में यदि ये लोग दोषी पाए जाते हैं, तो इससे बड़ा एक्शन लिया जा सकता है। यह मामला दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद अंबाला रेल मंडल ही नहीं बल्कि दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी जांच बैठाई गई थी। जांच के बीच में ही सीआइबी के इंस्पेक्टर सहित तीन कर्मचारियों को अंबाला से मुरादाबाद रूप से अटैच किया गया था। अब इन तीनों को सस्पेंड कर दिया गया है।
इस तरह दैनिक जागरण ने उठाया मामला सरसावा एयरफोर्स स्टेशन में तैनात रविशंकर तिवारी का 20 तोले सोना ट्रेन में चोरी हो गया था। तिवारी बनारस से चले थे और सपरिवार सहारनपुर उतर गए थे। सोना चुराने के बाद आरोपित लाखन और उसके अन्य साथी अंबाला आउटर पर उतर गए। यहां पर आरपीएफ की सीआइबी टीम ने लाखन को पकड़ लिया। आरोपित लाखन के अन्य साथी फरार हो गए, जिसके बाद लाखन के खिलाफ रेलवे एक्ट में मामला दर्ज किया गया। उस समय दस्तावेजों में लाखन ने अपने बयानों में कहा कि वह चोरी की नीयत से ट्रेन में चढ़ा था। मामला जीआरपी की जगह आरपीएफ तक ही सीमित रह गया। जमानत पर छूटने के बाद लाखन ने आरपीएफ पर सोना लेने और रिश्वत के आरोप लगाकर जीआरपी अंबाला को ईमेल कर दी, जिसकी जांच जारी है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद रेलवे पुलिस और आरपीएफ अधिकारी को रवि शंकर तिवारी मिले थे। उनके बयानों के बाद प्रकरण खुलता चला गया।
आरपीएफ की इस तरह रही भूमिका मुरादाबाद से सीआइबी के ही एक कर्मचारी ने चोर गिरोह के ट्रेन में सवार होने की सूचना अंबाला में दी थी। इसी सूचना पर सीआइबी ने आउटर पर नाका लगाया। ट्रेन जब आई, तो लाखन को पकड़ लिया, लेकिन उसके दो साथी फरार हो गए। तिवारी का चोरी किया गया सोना लाखन के पास था, जिसे सीआइबी ने रेलवे एक्ट में मामला दर्ज कर दिया। इसके बाद सोना कहां गया, कुछ पता नहीं। जमानत पर छूटने के बाद लाखन ने सोना सीआइबी के पास होने की बात की थी। आरोपित ने 1.30 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया था। मामले में आरपीएफ की किरकिरी हुई तो एसआइटी का गठन किया गया।
एसआइटी ने अंबाला आरपीएफ पोस्ट, सीआइबी और मुरादाबाद सीआइबी की जो भी भूमिका रही, उसकी रिपोर्ट विस्तार से आइजी को दी। इसी रिपोर्ट पर सीआइबी के तीन कर्मचारियों को सस्पेंड और अंबाला आरपीएफ प्रभारी को पोस्ट से हटाया गया। उधर, आरपीएफ के कमांडेंट आर रघुवीर ने पुष्टि की है कि अंबाला आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को हटा कर डीआरएम आफिस में लगा दिया गया है। आइजी एसएन पांडेय ने तीनों कर्मचारियों को सस्पेंड की पुष्टि की है।