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20.4 एमएम बारिश से 4 डिग्री लुढ़का पारा, ठिठुरा जनजीवन

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मौसम ने मंगलवार रात के बाद से एकाएक करवट ली और बुधवार को भी दिन भर बूंदाबांदी होती रही। बूंदाबांदी से जनजीवन में ठंड बढ़ने के साथ ठिठुरन लौट आई थी। बरसात व पहाड़ी इलाकों में हुए ताजा हिमपात से पारा 4 डिग्री लुढ़क गया। मौसम विभाग ने अधिकतम 18.2 व न्यूनतम 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 01:57 AM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 01:57 AM (IST)
20.4 एमएम बारिश से 4 डिग्री लुढ़का पारा, ठिठुरा जनजीवन
20.4 एमएम बारिश से 4 डिग्री लुढ़का पारा, ठिठुरा जनजीवन

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मौसम ने मंगलवार रात के बाद से एकाएक करवट ली और बुधवार को भी दिन भर बूंदाबांदी होती रही। बूंदाबांदी से जनजीवन में ठंड बढ़ने के साथ ठिठुरन लौट आई थी। बरसात व पहाड़ी इलाकों में हुए ताजा हिमपात से पारा 4 डिग्री लुढ़क गया। मौसम विभाग ने अधिकतम 18.2 व न्यूनतम 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। वहीं, बरसात 20.4 डिग्री दर्ज की गई है। तड़के साढ़े पांच बजे तक 8 एमएम तो दिन भर में 12.6 एमएम बरसात दर्ज हुई। हालांकि, मौसम विभाग चंडीगढ़ ने बृहस्पतिवार को मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में धुंध गहराएगी। दिन गर्म रहेंगे और रात के तापमान में गिरावट दर्ज होगी।

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मौसम ने जैसे ही करवट ली इसका जनजीवन पर व्यापक असर देखा गया। ठिठुरती ठंड और बूंदाबांदी के बीच बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावक ¨चतित थे। वहीं, कामकाजी लोगों के लिए काम धंधों पर जाने की ¨चता बढ़ गई थी।

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निचले इलाकों में जलभराव

मंगलवार रात से हो रही बूंदाबादी का असर निचले इलाकों में देखने को मिला। शहर व छावनी के निचले इलाकों व निकासी प्रभावित इलाकों में जलभराव भी देखने को मिला। इसके अलावा बरसात से बनी कीचड़ की स्थिति ने लोगों की मुश्किल बढ़ाई।

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रबी की फसलों को नहीं नुकसान

कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. गिरीश नागपाल के मुताबिक बरसात इन दिनों अगर भारी बरसात होती है तो नुकसान होता है। हल्की बरसात से रबी की हालांकि, जिन किसानों ने गेहूं का पानी लगाया हुआ है उन पर कुछ असर जरूर पड़ सकता है।

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ठंड बढ़ने से अस्थमा व एलर्जी के रोगियों की बढ़ेगी मुश्किल

नागरिक अस्पताल शहर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभ ज्योति के मुताबिक बरसात पढ़ने से हवा का संक्रमण नीचे बैठ जाता है। जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। हालांकि, अस्थमा, नजला के रोगियों की मुश्किल बढ़ जाती है। अस्थमा का अटैक होने का खतरा रहता है। बच्चों के मामले में विशेष एहतियात बरती जाए। बरसात में बच्चों को भीगने न दें। ऐसे मौसम में बच्चों को मूंगफली, चने, गज्जक, गूड़ आदि खिलाएं।


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