Move to Jagran APP

बिना टेस्ट के रोजाना कट रही 150 मरीजों की फीस, सीबीसी भी बंद

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों के साथ लूट का खेल चल रहा

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 06:58 PM (IST)
बिना टेस्ट के रोजाना कट रही 150 मरीजों की फीस, सीबीसी भी बंद
बिना टेस्ट के रोजाना कट रही 150 मरीजों की फीस, सीबीसी भी बंद

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

loksabha election banner

जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों के साथ लूट का खेल चल रहा है। बिना टेस्ट कराए ही मरीजों को रोजाना 10 रुपये की पर्ची टेस्ट के नाम पर कटवानी पड़ रही है। मरीजों के हाथ रिपोर्ट तो थमा दी जाती है लेकिन डाक्टर ने जो टेस्ट लिखा होता है वह टेस्ट होता ही नहीं। अलबत्ता मरीजों से उस टेस्ट का भुगतान करवाया जा रहा है जोकि लंबे समय से जिला अस्पताल में हो ही नहीं रहे।

दूसरी ओर कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट मशीन बंद होने के कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी, जच्चा-बच्चा वार्ड और ओपीडी के मरीजों को मिलाकर रोजाना 250 मरीजों के जिला नागरिक अस्पताल में यह टेस्ट हो रहे थे लेकिन अस्पताल में रेजेंट्स (सोल्यूसन्स) नहीं होने के कारण लाखों रुपये की मशीन बंद पड़ी है। करीब एक माह से मरीजों के यह टेस्ट नहीं हो रहे। बता दें कि सीबीसी के तहत रक्त के कुल 24 टेस्ट होते हैं जोकि अब नहीं हो रहे। सीबीसी मशीन नहीं चलने के कारण सेल काउंट भी नहीं हो रहे हैं। इस तरह औसतन 400 से ज्यादा मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। सीबीसी टेस्ट पूरे जिले के तीनों सरकारी अस्पतालों में केवल जिला नागरिक अस्पताल में ही हो रहा था लेकिन अब एक माह से यहां भी बंद है।

पीबीएफ टेस्ट होता ही नहीं

जिला नागरिक अस्पताल में डाक्टर मरीज के शरीर में रक्त की कमी किस कारण यह यह देखने के लिए पीबीएफ टेस्ट लिख देता है। इसके लिए 10 रुपये की फीस ली जाती है। लेकिन यह टेस्ट लंबे समय से होता ही नहीं। इस टेस्ट को मशीन नहीं होने की स्थिति में हाथ से भी किया जा सकता है। शरीर में रक्त की कमी के सात कारण होते हैं। इनमें से मरीज को रक्त की कमी किस कारण है यह जानने के लिए ही डाक्टर यह टेस्ट लिखता है। लैब में रक्त की मात्रा तो बता दी जाती है लेकिन यह नहीं लिखा जाता कि कारण क्या है। मरीज को टेस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं होती और वह टेस्ट के पैसे भी जमा करा देता है।

-------------------

इस बारे में आज ही जानकारी मिली है। मैंने निर्देश जारी कर दिए हैं कि किसी भी मरीज की पीबीएफ टेस्ट की रसीद न काटी जाए।

डॉ. अशोक, कार्यकारी सिविल सर्जन, अंबाला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.