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100 करोड़ के घोटाले में 12 और फंसे

लोगों को गुमराह कर सौ करोड़ रुपये का घोटाला करने के मामले में पुलिस ने अब 12 और शातिरों पर केस दर्ज किया है। इससे पहले फरवरी 2020 में छह आरोपितों पर केस दर्ज किया था जो अभी जेल में हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 07:35 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 07:35 AM (IST)
100 करोड़ के घोटाले में 12 और फंसे
100 करोड़ के घोटाले में 12 और फंसे

संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ : लोगों को गुमराह कर सौ करोड़ रुपये का घोटाला करने के मामले में पुलिस ने अब 12 और शातिरों पर केस दर्ज किया है। इससे पहले फरवरी 2020 में छह आरोपितों पर केस दर्ज किया था, जो अभी जेल में हैं। 12 और लोगों के नाम सामने के आने के बाद घोटाले की रकम और बढ़ने के आसार हैं। मामले को लेकर पीड़ितों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। माना जा रहा है कि करीब 500 लोगों के साथ ठगी की गई है। पुलिस ने श्याम लाल वर्मा निवासी रायपुररानी की शिकायत पर ने टी एंड सी सोसाइटी के प्रधान कुलदीप कुमार, उपप्रधान सुनील कुमार, कैशियर रसालचंद सहित विनोद कुमार, पवन कुमार, सोमनाथ, अमित कुमार, रणधीर कुमार, विपिन कुमार, अंकित कुमार, सुमित दीवान, साहिल दीवान, सुमन दीवान, शारदा रानी, कमलेश रानी, अनिल दीवान, रितु रानी व मास्टर हमीर सिंह पर केस दर्ज किया है। इसके अलावा सुमन, विशाल, हिना, अश्वनी पाटिल सभी निवासी नवीन कालोनी नारायणगढ़ की शिकायत भी इसी में समायोजित की गई है। आरोपितों में रसाल चंद, सुनील दीवान, पवन, संजीत, कुलदीप, विनोद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

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इस तरह से बुना था जाल

सुनील कुमार दीवान भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत था। वह बैंक में रुपये जमा करवाने वालों को दी नेशनलाइज्ड बैंक इंप्लाइ•ा अदर पब्लिक को-आपरेटिव टीसी सोसाइटी लिमिटेड नारायणगढ़ में एफडी जमा करवाने के लिए उकसाता था। इस सोसायटी के पदाधिकारी व अन्य लोगों को इस एफडी करवाने पर 13 प्रतिशत तक ब्याज का लालच देते थे। ये शातिर बताते थे कि सोसाइटी रजिस्टर्ड है और हर साल ऑडिट होता है। इसी पर श्याम लाल सहित अन्य ने सोसाइटी में एफडी करवाई। सालों तक यह खेल चलता रहा, जबकि एफडी मेच्योर होने पर भी रकम नहीं लौटाई गई।

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कई एफडी का रिकॉर्ड ही नहीं

शातिरों ने इस तरह से खेल खेला कि निवेशकों से रुपया तो ले लिया, लेकिन इसका रिकॉर्ड तक सोसाइटी के पास नहीं है। सुमन, विशाल कुमार, हिना व अश्वनी पाटिल की करीब 20 एफडी हैं, जो लाखों रुपये की हैं। इसके मेच्योर होने पर भी राशि नहीं मिली।

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पत्नी व रिश्तेदारों के नाम खरीदी प्रापर्टी

आरोपितों ने करोड़ों रुपये के इस घोटाले से जमकर प्रॉपर्टी खरीदी। शिकायतकर्ता का दावा है कि सुनील दीवान, रसाल चंद, विनोद शर्मा ने पत्नी के नाम से संपत्तियां खरीदीं। सुनील दीवान ने बेटे साहिल दीवान व सुमित दीवान के नाम से कालाअंब व पांवटा साहिब में फैक्ट्रियां खरीदीं। इसी तरह शातिरों ने जगाधरी, गांव रायवाला, गांव डेरा कालाअंब में फैक्ट्रियां व प्रॉपर्टी खरीदीं। कई प्रॉपर्टी खरीदकर आगे भी बेच दी गई।


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