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इस फ्रिक्वेंसी डिवाइस से 3500 बीमारियों के इलाज का दावा, ऐसे काम करती है यह

जर्मन वैज्ञानिक द्वारा शोध की गई नई फ्रिक्वेंसी डिवाइस से 3500 तरह की बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 04:52 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 05:25 PM (IST)
इस फ्रिक्वेंसी डिवाइस से 3500 बीमारियों के इलाज का दावा, ऐसे काम करती है यह
इस फ्रिक्वेंसी डिवाइस से 3500 बीमारियों के इलाज का दावा, ऐसे काम करती है यह

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। दवा, इंजेक्शन व फिजियोथैरेपी से इलाज के तरीकों के बारे में खूब सुना है लेकिन अहमदाबाद के डॉ हेमंत फ्रिक्वेंसी डिवाइस के जरिए पिछले 20 साल से इलाज कर रहे हैं। वो भी कोई सामान्य बीमारी नहीं ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, माइग्रेन, स्नायु तंत्र व जोड़ों के दर्द आदि। जर्मन वैज्ञानिक द्वारा शोध की गई नई फ्रिक्वेंसी डिवाइस से 3500 तरह की बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं। इनमें, एड्स, कैंसर, लकवा, हृदय रोग भी शामिल हैं।

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अहमदाबाद के सीजी रोड चिमनलाल गिरधर लाल रोड पर विशाल क्षेत्र में फैले लाल बंगला के मालिक डॉ हेमंत ब्रोकर पिछले 35 साल से होम्योपैथी दवाओं से मरीजों का मुफ्त इलाज करते आ रहे हैं, ना कोई फीस ना दवा का खर्च। सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार शाम को वे मरीजों को अपने बंगले पर देखते व उनका उपचार करते हैं। बीते बीस साल से वे अमेरिकी डॉ हरडा क्लार्क के द्वारा शोध की गई फ्रिक्वेंसी डिवाइस से उपचार कर रहे हैं, जिससे लकवा, मानसिक रोग व पार्किन्सन जैसे रोगों का भी इलाज कर रहे हैं। पार्किन्सन के मरीज हरीशभाई को तीन माह पहले तक काफी तकलीफ थी लेकिन आज वह सामान्य व्यक्ति की तरह स्वस्थ महसूस करते हैं। डॉ हेमंत बताते हैं कि जर्मन वैज्ञानिक डॉ रॉयल राइफ ने डॉ हरडा से मिलकर एक अत्याधुनिक फ्रिक्वेंसी डिवाइस इजाद की है, जिससे 3500 से अधिक बीमारियों का इलाज संभव है। डॉ हेमंत एक पैननूमा डिवाइस से नसों पर करंट का प्रवाह करके भी उपचार करते हैं, जिससे मस्तिष्क में खून की बहाव तेज करना, हाथ पैर में लकवा व मानसिक रोगों का उपचार संभव हुआ।

शरीर की संरचना के बारे में समझाते हुए डॉ हेमंत बताते हैं कि शरीर के हर पार्ट में अलग इलेक्ट्रारेन एनर्जी की फ्रिक्वेंसी होती है, जिसके उपचार के लिए उतनी की फ्रिक् वेंसी उस भाग तक पहुंचाकर इलाज किया जा सकता है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, चूंकि शरीर के अन्य हिस्से अलग फ्रिक्वेंसी पर काम करते हैं इसलिए वे इसे ग्रहण ही नहीं करते हैं जबकि दवा व इंजेक्शन में शरीर में जाने पर वह कुछ अंग व मस्तिष्क पर विपरीत असर भी करते हैं।

फ्रिक्वेंसी डिवाइस एक मोबाइल की तरह ही होता है जिसे आम ग्रहणी भी इस्तेमाल कर सकती है। तीस-तीस मिनट की दो थैरेपी से इस डिवाइस के जरिए 3500 से अधिक बीमारियों का इलाज संभव है। डॉ हेमंत ने इस डिवाइस को मॉडिफाई कर इसमें गायत्री मंत्र, शिव चालीसा, गणेश वंदना आदि इंस्टॉल कर दी है, जिससे भजन व मंत्रों के जाप के साथ आप फ्रिक्वेंसी डिवाइस के जरिए अपना इलाज खुद कर सकते हैं। यह फ्रिक्वेंसी थैरेपी आप कोई कामकाज करते हुए, आराम करते हुए या कार ड्राइव करते हुए भी ले सकते हैं। डॉ हेमंत दावा करते हैं कि 111 प्रकार के कैंसर व एचआईवी एड्स जैसी बीमारियां भी इस डिवाइस से ठीक की जा सकती है।

ऐसे काम करती है यह डिवाइस

डॉ हेमंत बताते हैं कि शरीर में शिरा व धमनियों के हजारों पॉइंट होते हैं, हरेक कोशिका व पॉइंट इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन व न्यूट्रॉन से एक निर्धारित आव्रत्ति पर संचालित होता है। हाथ या पैर में मशीन से जुड़ा फीता बांधकर फ्रिक्वेंसी डिवाइस से बीमारी व पॉइंट के अनुरूप फ्रिक्वेंसी सेट करके उसे ऑन करने पर शरीर के उसी भाग में जाकर वह फ्रिक्वेंसी काम करती है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है चूंकि उस पॉइंट के अलावा अन्य कोई पॉइंट उस फ्रिक्वेंसी को स्वीकार ही नहीं करता है।


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