गुजरात में इजरायली ड्रोन करेगा रथयात्रा की सुरक्षा
ड्रोन का तकनीकी उपयोग सुरक्षा के साथ राष्ट्र विरोधी तत्वों की निगरानी व उनके खिलाफ एक हथियार के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
अहमदाबाद, जेएनएन। महानगर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा की सुरक्षा इस बार इजरायली ड्रोन करेंगे। शनिवार को निकलने वाली इस यात्रा की सुरक्षा के लिए हाईटेक इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिए एक हजार पुलिस अधिकारी तथा 25 हजार जवान तैनात रहेंगे। राज्यभर में 164 रथयात्राएं निकलेंगी, जिनमें से 18 को काफी संवेदनशील माना गया है।
गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की इजरायल यात्रा के दौरान इजरायल एयरो स्पेश कंपनी ने रथयात्रा में ड्रोन से सुरक्षा में रुचि दिखाई, जिसके बाद राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति दी। अहमदाबाद की रथयात्रा को मुख्यमंत्री रूपाणी शनिवार सुबह जमालपुर जगन्नाथ मंदिर पर भगवान के रथ के आगे सोने की झाडू से बुहारी कर पहिंदविधि करेंगे। रथयात्रा की सुरक्षा को चाकचौबंद करने के लिए सरकार व पुलिस ने कई हाईटेक उपाय किए हैं, इनमें अत्याधुनिक हथियार, बम डिस्पोजल स्क्वॉयड, सीसीटीवी आदि शामिल है। इजराइली ड्रोन गार्ड सिस्टम इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगा।
यह अडेप्टिव जामिंग सिस्टम पर कार्य करता है, डिटेक्शन व आइडेंटिफिकेशन सेंसर के जरिए किसी भी संदिग्ध गतिवधि को पकड़ा जा सकता है। प्रदीप सिंह जाडेजा बताते हैं कि ड्रोन का तकनीकी उपयोग सुरक्षा के साथ राष्ट्र विरोधी तत्वों की निगरानी व उनके खिलाफ एक हथियार के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
जगन्नाथ मंदिर से निकलकर यात्रा 18 किमी घूमकर वापस निजमंदिर पहुंचेगी, इसमें 18 हाथी, 101 ट्रक, 30 अखाड़े, 3 रासमंडली, 18 भजन मंडली, 7 कार, 2 रिक्शा, 1 घोड़ागाड़ी, तीन रथ व बैंडबाजे शामिल होंगे।
रथयात्रा की सुरक्षा के लिए अहमदाबाद पुलिस आयुक्त एके सिंह सहित तीन स्पेशल पुलिस आयुक्त, 5 आइजी व डीआइजी, 31 एसपी, 88 एसीपी, 253 पुलिस निरीक्षक, 819 पुलिस उपनिरीक्षक, 14270 जवान, एसआरपी की 22 कंपनियां, चेतक कमांडो की 1 टीम, अर्द्धसैनिक बलों की 25 कंपनियां, 5400 होमगार्डस तथा डॉग स्क्वॉयड आदि तैनात रहेंगे। इसके अलावा 192 पाॅइन्ट पर दूरबीन से नजर रखी जाएगी। बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्ववॉड की 10 टीम यात्रा से पहले पूरे मार्ग की तलाशी लेती जाएगी। इलेक्ट्रोनिक सर्वेलेंस से अपराधियों की निगरानी की जाएगी तथा इंडो तिबेट बार्डर पुलिस संवेदनशील क्षेत्रों में मोर्चा संभालेगी।