Lockdown: लूडो में हारने से गुस्साए पति ने पत्नी की रीढ़ की हट्टी तोड़ दी
Lockdown लूडो में हारने से गुस्साए पति ने पत्नी की रीढ़ की हट्टी तोड़ दी। घटना गुजरात के वडोदरा की है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात सरकार की हेल्पलाइन अभ्यम 181 पर एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। वडोदरा में लॉकडाउन के चलते लूडो खेलने के दौरान झगड़ा होने से गुस्साए पति ने अपनी पत्नी के रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। महिला ने इस संबंध में अभ्यम हेल्पलाइन पर शिकायत की। हालांकि पति के मांफी मांगने के बाद पत्नी ने पुलिस थाने में शिकायत करने से मना कर दिया।
हेल्पलाइन अभ्यम की काउंसलर ने बताया कि 24 वर्षीय महिला ने फोन कर शिकायत की कि उसका पति एक प्राइवेट इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में काम करता है और वह छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती है। लॉकडाउन होने से वह और उसके पति टाइम पास के लिए मोबाइल पर लूडो गेम खेलते हैं। उसने अपने पति को लूडो में लगातार तीन बार हरा दिया। जिससे उसके पति आवेश में आ गए और उनके बीच झगड़ा हो गया। इस दौरान उन्होंने बेहरमी से उसकी पिटाई की, जिसमें उसकी रीढ की हड्डी टूट गई। हालांकि इस घटना के बाद उसके पति ने माफी मांग ली है। इसलिए वह अब शिकायत नहीं करना चाहती है। हेल्पलाइन अभ्यम की टीम ने महिला की काउंसलिंग की और उसके पति को भी समझाया।
लॉकडाउन में घरेलू हिंसा की शिकायतों में वृद्धि
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश मे में तकरीबन एक महीने से लॉकडाउन जारी है। लोग अपने-अपने घरों में है। पति-पत्नी के बीच साथ में रहने का समय बढ़ जाने से घरेलू हिंसा में भी वृद्धि हुई है। गुजरात में फरवरी में महिला सुरक्षा के लिए निश्चित 181 नंबर की हेल्पलाइन पर घरेलू हिंसा की 32 प्रतिशत शिकायतें दर्ज हुई थीं, 23 मार्च से 19 अप्रैल तक लॉकाडउन के दौरान 43.64 प्रतिशत घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज हुई हैं।
गुजरात सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए 181 नंबर की हेल्पलाइन निर्धारित की है। इस नंबर पर 19 अप्रैल तक एक महीने में 8078 शिकायतें मिली हैं। इसमें घरेलू हिंसा की, महिलाओं पर अत्याचार, मारपीट, तथा शोषण की 3525 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 43.64 प्रतिशत शिकायतें घरेलू हिंसा की हैं। लॉकडाउन के पहले हिंसा की 32.83 प्रतिशत शिकायतें थीं। इस प्रकार लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर घरेलू हिंसा की शिकायतों में तकरीबन 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग को भी 587 शिकायतें मिली हैं। जबकि गुजरात महिला आयोग की चेयरपर्सन के अनुसार, लॉकडाउन में ई-मेल द्वारा घरेलू हिंसा की 17 शिकायतें मिली हैं। वहीं, महिला कोर्ट में महिला शोषण के 40-50 मामले दर्ज हुए हैं। एक्शन एड संस्था को भी महिलाओं ने उनके पतियों द्वारा हिंसा की शिकायतें मिली है। इनमें महिलाओं ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उनके पति घर में ही रहते हैं। वे काम पर नहीं जाते हैं। लड़कों द्वारा आवाज होने पर भी वे झगड़ा और मारपीट करते रहते हैं।
इसके अतिरिक्त घनी आबादी वाले झोपड़-पट्टी में भी पुरुषों द्वारा शराब पीकर पत्नियों की पिटाई की शिकायतें मिलती रहती हैं। बहुत सी महिलाओं ने इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई है। फैमिली कोर्ट में इस बारे में मामले भी दर्ज हुए हैं। फैमिली कोर्ट केस एक्सपर्ट आरूषी देसाई ने बताया कि लॉकडाउन में पुरुष घर में ही रहते हैं। घर में अधिक समय तक रहने तथा आजकल युवकों में सहनशीलता के अभाव के कारण पत्नियों के साथ मारपीट की घटनाओं में 10 प्रतिशत वृद्धि हुई हैं। महिलाओं की आर्थिक शारीरिक शोषण की शिकायतें भी बढ़ी हैं।