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Coronavirus: कोरोना की त्वरित जांच के लिए रैपिड ब्लड टेस्ट सिस्टम शुरू करेगी गुजरात सरकार

Coronavirus. मुख्यमंत्री के सचिव अश्विन कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस की जानकारी के लिए इस सिस्टम से जांच जरूरी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2020 02:26 PM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2020 02:26 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना की त्वरित जांच के लिए रैपिड ब्लड टेस्ट सिस्टम शुरू करेगी गुजरात सरकार
Coronavirus: कोरोना की त्वरित जांच के लिए रैपिड ब्लड टेस्ट सिस्टम शुरू करेगी गुजरात सरकार

अहमदाबाद, जेएनएन। Coronavirus. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गुजरात सरकार हर संभव कदम उठा रही हैं। इसका प्रतिकार करने के लिए अब रैपिड ब्लड टेस्ट शुरू किया जाएगा। इसके लिए 50 हजार किट का आर्डर दे दिया गया हैं। प्रारंभ में कोरोना की चिकित्सा के लिए निश्चित अस्पतालों में इसका उपयोग किया जाएगा। वहीं, दक्षिण गुजरात मे सूरत के लसकाणा क्षेत्र में गत देर रात ओडिशा के श्रमिकों ने गांव जाने की जिद के साथ तोड़फोड़ एवं आगजनी की। मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में पुलिस तैनात कर दी गई है।

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मुख्यमंत्री के सचिव अश्विन कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस की जानकारी के लिए इस सिस्टम से जांच जरूरी है। इस पद्धति से ब्लड टेस्ट में इम्यूनोग्लोबिन-एम की उपस्थिति से स्पष्ट हो जाता है कि मानव के शरीर में कोरोना वायरस प्रवेश कर चुका हैं। इससे निर्देष मिलता है कि शरीर ने उसका प्रतिकार भी शुरू कर दिया है। जिन मरीजों में वायरस आसानी से नहीं दिखते, इस पद्धति से आसानी से पहचान लिए जाते हैं। यदि कोई कोरोना वायरस का शिकार तो हो गया है, किन्तु उसके चिन्ह नहीं दिखाई देते, उन्हें एसिप्टोमेटिक मरीज कहते हैं। यदि यह व्यक्ति एक महीने तक समाज में घूमता रहे तो वह 406 लोगों को संक्रमित कर सकता हैं। इसीलिए सरकार ने रैपिड ब्लड सिस्टम से रेस्टिंग करने का निर्णय किया हैं। अभी तक पुरानी सिस्टम से जांच की जाती है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो अभी तक 6738 सेंपल टेस्ट के लिए हैं। नए हॉटस्पॉट पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं। डॉ. तुषार पटेल ने बताया कि रैपिड ब्लड टेस्ट करने पर पता चलेगा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को हाईड्रोक्सी क्लोरोक्विन देकर कोरोना वायरस से छुटकारा दिलाया जा सकता हैं।

अभी तक जिस व्यक्ति में ये कोरोना वायरस के चिह्न नहीं पाए गएं, उन्हें यह टेबलेट नहीं दी जा सकती। अब रैपिड ब्लड टेस्ट के बाद उन्हें यह टैबलेट देकर ठीक किया जा सकेगा। अभी कोरोना वायरस का अनुमान सैंपल एक साथ टेस्ट किया जाता हैं। उन्हें छह-सात घंटे साथ में रखना पड़ता हैं। इससे जल्दी नहीं हो पाती। रैपिड ब्लड टेस्ट में एक-एक सेंपल का टेस्ट होगा। सैंपल टेस्ट का परिणाम चार घंटें में ही मिलेगा।

इसी दौरान सूरत में नौकरी कर रहे ओडिशा के श्रमिकों ने अपने प्रदेश जाने की जिद में शहर के डायमंडनगर, विपुलनगर और मारुति नगर में अफरातफरी मचा दी। पुलिस को रोकने के लिए मार्ग अवरूद्ध कर आगजनी भी की। हालात से निपटने के लिए मौके पर पहुंची पुलिस ने नाकाबंदी कर हालात को नियंत्रित कर लिया।

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