इशरत मुठभेड़ मामले में शमीमा कौसर का आरोप, सरकार आरोपित पुलिसकर्मियों का बचाव कर रही
Ishrat case.इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने सीबीआइ कोर्ट में गुहार लगाई है।
अहमदाबाद, जेएनएन। इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने सीबीआइ कोर्ट में गुहार लगाई है कि पुलिस अधिकारी एनके अमीन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत ही नहीं है। यह सब उन्होंने अमीन की उस याचिका के बारे में कहा, जिसमें कहा गया था कि सरकार की मंजूरी नहीं मिलने पर कोर्ट कार्रवाई रद की जाए। शमीमा कौसर ने आरोप लगाया कि इशरत का अपहरण और हत्या पुलिसकर्मी की ड्यूटी का हिस्सा नहीं था। इसलिए राज्य सरकार की अनुमति के बिना भी कार्रवाई की जा सकती है।
शमीमा कौसर ने कहा कि इससे पहले भी सीबीआइ कोर्ट एनके अमीन की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर चुकी है। इसलिए अब कोर्ट उसके आदेश की समीक्षा नहीं कर सकती। इसलिए अमीन चाहें तो हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आरोपपत्र में शामिल तकनीकों, साक्ष्य और दस्तावेज के आधार पर साबित हो गया है कि एनके अमीन अपहरण, अवैध हिरासत, अवैध शस्त्रों का उपयोग, हत्या और सबूत का नष्ट करने जैसे गंभीर अपराधों में शामिल हैं। इसलिए सीबीआइ ने 2018 में उनकी डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके अतिरिक्त सीआरपीसी की धारा 197 के अनुसार, अनुमति की भी जरूरत नहीं है।
शमीमा कौशर ने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख कर कहा कि यह मुठभेड़ फर्जी होने के आरोप के बाद हाईकोर्ट ने जांच समिति गठित की थी। समिति की जांच का निष्कर्ष था कि यह मुठभेड़ नहीं, हत्या है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश देकर सीबीआई को जांच सौपा था।