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गुजरात हाई कोर्ट के तीसरे जज का भी विश्मय शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार

Ahmedabad Hid and Run Case. विस्मय शाह ने लापरवाही से बीएमडब्लयू कार चलाते हुए मोटरसाइकिल पर जा रहे दो युवकों को टक्कर मार दी थी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 01:59 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 01:59 PM (IST)
गुजरात हाई कोर्ट के तीसरे जज का भी विश्मय शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार
गुजरात हाई कोर्ट के तीसरे जज का भी विश्मय शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार

अहमदाबाद, जेएनएन। अहमदाबाद के हिड एंड रन मामले का अभियुक्त विश्मय शाह जिसे गत दिनों पुलिस ने शराब की पार्टी करते हुए गिरफ्तार किया था, उसकी जमानत याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश वीबी मायाणी ने भी नोट बिफोर मी कहकर इनकार कर दिया है। यह पहला वाक्या है, जब तीन दिनों मे तीन न्यायाधीशों ने नॉट बिफोर मी कर जमानत याचिका पर सुनवाई करने से दिया है। इससे पहले मंगलवार को जस्टिस एपी ठाकर तथा सोमवार को जस्टिस उमेश त्रिवेदी ने इस याचिका पर सुनवाई कर से इनकार कर दिया था। अब विस्मय शाह ने हाईकोर्ट के चौथे न्यायाधीश के समक्ष जमानत के लिए गुहार लगाई है।

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गुजरात की राजधानी गांधीनगर की सीमा में स्थित बालाजी फार्म हाउस में 25 दिसंबर के दिन विस्मय शाह ने अपनी शादी की पार्टी रखी थी। इसमें गांधीनगर पुलिस ने छापा मारकर उसकी पत्नी पूजा शाह, साला चिन्मय शाह , डाक्टर नीमा शाह, आर्किटेक मंथनशाह सहित छह हाईप्रोफाइल लोगों को शराब पीते हुए पकड़ा था। पुलिस ने स्थल से 7 हुक्का, 7 बोतल विदेशी शराब तथा 8 बीयर की टीन भी बरामद की थी। पुलिस ने गिरफ्तार करने के दूसरे दिन सभी को गांधीनगर की निचली अदालत मे पेश किया था, लेकिन न्यायाधिश ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। तब से सभी अहमदाबाद की सबरमती सेंट्रल जेल में बंद है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 में अहमदाबाद के वस्त्रापुर के लाड सोसायटी के पास विस्मय शाह ने लापरवाही से बीएमडब्लयू कार चलाते हुए मोटरसाइकिल पर जा रहे दो युवकों को टक्कर मार दी थी। हादसे में शिवम देव और राहुल पटेल नामक दोनों युवकों की मौत हो गई थी। घटना के बाद विस्यम शाह फरार हो गया था। बाद में उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस जांच में सामने आया था कि जिस समय घटना हुई, उस समय विस्मय शाह शराब पीकर कार चला रहा था। विस्मय एक साल की जेल की सजा काट चुका है। अहमदाबाद की सत्र न्यायालय ने 2015 में उसे पांच साल की सजा सुनाई थी। फिलहाल, वह जमानत पर है।


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