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Coronavirus: शहरों के बाद अब गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का खतरा

Coronavirus अब शहर से गांव आने वालों का सर्वेक्षण कर सूची बनाई जा रही है। शहरों से आए लोग कोरोना के संवाहक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 03:26 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 03:26 PM (IST)
Coronavirus: शहरों के बाद अब गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का खतरा

अहमदाबाद, जेएनएन। Coronavirus: शहरों के बाद अब गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का खतराअभी तक विदेश और अंतरराज्यीय लोगों से ही कोरोना के संक्रमण का खतरा था। अब यहां गुजरात में ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके मद्देनजर ऐतिहातिक कदम उठाए जा रहे हैं। शहर से गांवों की ओर पलायन के कारण ही ऐसा होना संभव हुआ है। सरकार इस बारे में सतर्क हुई है। अब शहर से गांव आने वालों का सर्वेक्षण कर सूची बनाई जा रही है। शहरों से आए लोग कोरोना के संवाहक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण की संख्या बढ़ रही है। अभी तक 144 स्थानीय लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण लग चुका है। राज्य के कच्छ, महेसाणा, गीर सोमनाथ, पाटण, छोटाउदयपुर और मोरबी सहित सभी जिलों में स्थानीय संपर्क के कारण मामले दर्ज हुए हैं। इससे राज्य सरकार हरकत में आ गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अब ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है।

ग्रामीण क्षेत्रों के सरपंच, लेखपालों और आशा वर्करों को सूचित किया गया है कि वे शहर से गांव आने वालों की अलग से सूची तैयार करें। इसके अतिरिक्त सभी लोगों को घर में ही रहने की हिदायत दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ सर्वेक्षण का आदेश भी दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मुंबई से सिद्धपुर से आए एक युवक की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। इस प्रकार शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने पर सरकार सतर्क हुई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ने के मद्देनजर अब ग्राम पंचायतें वित्त आयोग की ग्रांट इसकी रोकथाम में उपयोग कर सकेंगी। राज्य के 17 जिलों में कोरोना के पॉजिटिव मामले आए हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 14वें वित्त आयोग द्वारा जारी ग्रांट का उपयोग करने का अधिकार दिया है। तहसील विकास अधिकारी ने दवाखाना, लाइब्रेरी, कम्युनिटी हॉल, वगैरह के फ्यूमीगेशन के आदेश दिए हैं। किराना एवं सस्ता अनाज की दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग रखने की जानकारी दी जा रही हैं। वालंटियर की टीम भी गठित की जा रही है। इस प्रकार राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी अपना ध्यान केंद्रित किया है।

अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर 30 यात्रियों का सैनिटाइजेशन

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए रेलवे विभाग ने भी कई कदम उठाए हैं। जहां रेल के डिब्बे को कोरोना अस्पताल में परिवर्तित किया गया है, वहीं अब विभाग ने 20 फुट लंबी मास सैनिटाइजनल के जरिए एक साथ 30 यात्रियों को सैनिटाइज करने की सुविधा उपलब्ध करवाई है।

अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सैनिटाइज करने के लिए रेलवे विभाग द्वारा 20 फुट लंबा टनल बनाया गया है। इसमें एक साथ 30 यात्रियों को सैनिटाइज किया जा सकेगा। यहां प्लेटफार्म नंबर एक और दो के पास यह सुविधा उपलब्ध की गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना का संक्रमण बढ़ जाता है। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन दो लाख यात्रियों का आवागमन होता है।

लॉकडाउन पूरा होने के बाद जब रेल प्रशासन कार्यरत होगा, तब इस मास सैनिटाइजनल का उपयोग किया जाएगा। यात्रियों को इससे गुजरना पड़ेगा। यहां से गुजरने पर ऑटोमेटिक टनल में फॉगिंग शुरू हो जाएगी। इसी के साथ उनका सामान भी संपूर्ण रूप से जंतुरहित हो जाएगा, जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा। तकरीबन 30 सेकेंड की इस प्रक्रिया के दौरान ऑटोमेटिक फॉगिंग हो जाएगी। इससे रेलकर्मियों एवं यात्रियों की सुरक्षा होगी।

उल्लेखनीय है कि उन सार्वजनिक स्थलों पर जहां बड़ी तादाद में लोग एकत्र होते हैं। अस्पताल, शॉपिंग मॉल, सरकारी कार्यालय, रेलवे, बस और हवाई अड्डों और फैक्ट्रियों में इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवा कर कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।

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