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ऊना के पीड़ितों ने अपनाया बौद्ध धर्म, कहा-हिंदू धर्म में नहीं मिला प्रेम और न्याय

ऊना के सौ से अधिक दलितों ने बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति में हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 29 Apr 2018 11:09 AM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 10:45 AM (IST)
ऊना के पीड़ितों ने अपनाया बौद्ध धर्म, कहा-हिंदू धर्म में नहीं मिला प्रेम और न्याय
ऊना के पीड़ितों ने अपनाया बौद्ध धर्म, कहा-हिंदू धर्म में नहीं मिला प्रेम और न्याय

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। हिंदू धर्म में जातिगत भेदभाव और अत्याचार की व्यथा उजागर करने के साथ ही ऊना के मोटा समढियाला गांव के 27 दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया है। इसमें ऊना कांड का पीड़ित परिवार भी शामिल है। दो साल पहले कथित गौरक्षकों ने इस गांव के कुछ दलित युवकों को कार से बांधकर पीटा था। पीड़ित परिवार के मुखिया बालूभाई सरवैया ने कहा कि हिंदू धर्म में उन्हें मात्र नफरत ही मिली। अब वह बौद्ध धर्म व डॉ. आंबेडकर के विचारों पर चलने का संकल्प करते हैं।

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ऊना के सौ से अधिक दलितों ने बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति में हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया। पहले उनका दावा था कि करीब 350 दलित धर्म परिवर्तन करेंगे। (समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, इस कार्यक्रम में 450 दलितों ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया है। जबकि एक हजार से ज्यादा दलितों ने कार्यक्रम में शिरकत की।) धर्म परिवर्तन व दलितों के कार्यक्रम के चलते गांव में सौ से अधिक पुलिस के जवान तैनात किए गए थे, ताकि कोई अप्रिय वारदात न हो। पीड़ित परिवार के मुखिया बालूभाई ने कहा कि हिंदू धर्म में उनके साथ जातिगत भेदभाव होता रहा, अत्याचार किया गया। यहां उन्हें मिली तो केवल नफरत, समानता का भाव कभी नहीं मिला। इसलिए वह अपने परिवार, संबंधियों व अन्य लोगों के साथ वैश्विक बौद्ध धर्म अंगीकार कर रहे हैं।

बालूभाई ने कहा कि लंबे समय से वह अपने सनातन हिंदू धर्म को छोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे, लेकिन अब और सहन नहीं होता। यहां उन्हें मानवीय मूल्यों का अहसास नहीं हुआ। आशा है बौद्ध धर्म उन्हें मानव का दर्जा दिलाएगा।

गीर सोमनाथ में ऊना के गांव मोटा समढियाला में जुलाई 2016 में कथित गौरक्षकों ने मृत गाय का चमड़ा निकाल रहे दलित युवकों को घसीटकर कार से बांधकर बुरी तरह पीटा था। इसके बाद ऊना कांड संसद और गुजरात विधानसभा में भी गूंजा था। पीड़ित परिवार के मुखिया बालूभाई सरवैया ने तब सरकार के समक्ष कुछ मांगें रखी थीं, इनमें से कुछ मांगें सरकार ने मान भी ली थीं। लेकिन विधानसभा के बजट सत्र में निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा था कि सरकार ने पीड़ित परिवार से कोई अधिक वादे नहीं किए थे।

वशराम सरवैया ने बताया कि ऊना कांड के बाद से उनके परिवार को कई बार धमकियां मिलती रहीं। गत दिनों उनके परिवार के सदस्य अशोक व रमेश सरवैया को रास्ते में रोककर कुछ दबंग युवकों ने जान से मारने की धमकी दी और पीटा। लेकिन आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुजरात में धर्म परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर की मंजूरी लेनी होती है। राज्य में सैकड़ों की संख्या में धर्म परिवर्तन की अर्जियां लंबित हैं।

अहमदाबाद, प्रेट्र। गिर सोमनाथ जिले के ऊना तहसील में 2016 में गो रक्षकों ने जिन चार दलितों को प्रताड़ित किया था, उनका परिवार रविवार को बौद्ध धर्म अपनाने जा रहा है। इस परिवार के साथ सैकड़ों अन्य दलित भी बौद्ध धर्म अपनाएंगे।

धर्मांतरण समारोह गिर सोमनाथ जिले के मोटा समाढियाला गांव में आयोजित किया जाएगा। इसी गांव में दलितों के साथ मारपीट की गई थी। जिस सरवैया परिवार के चार लोग मारपीट के शिकार हुए थे उसके सदस्य पीयूष सरवैया ने कहा, 'हम 20 अप्रैल को कलेक्टर को 29 अप्रैल को बौद्ध धर्म अपनाने के बारे में सूचित कर चुके हैं। हमने अपने समुदाय के सदस्यों एवं अन्य से कार्यक्रम के लिए समर्थन की मांग की है। कार्यक्रम में सैकड़ों दलित बौद्ध धर्म अपनाएंगे।'

जुलाई 2016 में मोटा समाढियाला गांव के सरवैया परिवार के चार सदस्यों सहित सात दलितों का जुलूस निकाला गया था और उनके साथ मारपीट की गई थी। यह काम कथित रूप से मृत गाय का चमड़ा उतारने के कारण किया गया था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा मचा था।


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