नोटबंदी के दौरान हजार करोड़ का काला धन बिटकॉइन में जमा
नोटबंदी के दौरान गुजरात में बिटकॉइन में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का कालाधन निवेश किया गया था।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। करोड़ों के बिटकॉइन ठगी मामले में सीआइडी क्राइम ने एक बड़ा खुलासा किया है। सीआइडी के अनुसार, नोटबंदी के दौरान गुजरात में बिटकॉइन में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का कालाधन निवेश किया गया था। शिकायतकर्ता शैलेष भट्ट ने दो अन्य के साथ मिलकर बिटकॉइन जैसी ही बिटकनेक्ट डिजीटल करेंसी लांच की थी, जिसमें शैलेष ने दो करोड़ रुपये का निवेश किया था। पुलिस अब शिकायतकर्ता शैलेष को मुख्य आरोपित मानकर मामले की जांच कर रही है।
सीआइडी क्राइम के महानिदेशक आशीष भाटिया ने बताया कि नोटबंदी के दौरान राज्य में बिटकॉइन में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था। इस काले धंधे का मुख्य केंद्र सूरत व अमरेली थे। पुलिस ने बिटकॉइन ठगी मामले के शिकायतकर्ता शैलेष भट्ट को मुख्य आरोपित बताया है।
सतीश कुंभाणी ने शैलेष के भतीजे निकुंज भट्ट व अन्य के साथ मिलकर बिटकॉइन की तरह ही बिटकनेक्ट नामक डिजीटल करेंसी लांच की थी। शैलेष ने इसमें दो करोड़ रुपये का निवेश किया था। लोगों को कालाधन सफेद करने व मोटी कमाई का लालच देकर शैलेष व सतीश ने करोड़ों रुपये की ठगी की थी। सीआइडी क्राइम बिटकॉइन व बिटकनेक्ट के निवेशकों से सामने आने की अपील कर रही है, ताकि ठगी मामले की तह तक पहुंचा जा सके। भाटिया ने बताया कि शैलेष ने बाद में विदेश से लौटे पीयूष सावलिया नामक व्यक्ति का अपहरण कर 131 करोड़ रुपये के 2256 बिटकॉइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे।
पूर्व विधायक नलिन कोटडिया इस मामले में वांटेड हैं और पुलिस ने उनकी धरपकड़ के लिए एसआइटी का गठन किया है। कोटडिया ने भूमिगत होने से पहले शैलेष को ही इस प्रकरण का मुख्य साजिशकर्ता बताया था और करोड़ों रुपये के ठगी प्रकरण को 12 सौ से 14 सौ करोड़ रुपये तक का बताया था। पूर्व विधायक का यह दावा तो ठीक साबित हो रहा है, लेकिन इस समूचे प्रकरण में उसकी भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। पुलिस इस मामले में अब तक अमरेली के पुलिस अधीक्षक, पुलिस निरीक्षक सहित कई को गिरफ्तार कर चुकी है। निकुंज भट्ट व दिलीप नामक युवक को हाल ही में दबोच लिया, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता शैलेष भट्ट व पूर्व विधायक कोटिडया की गिरफतारी के बाद कई अहम कडि़यां खुलने की संभावना है।