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Gujarat Reservation Agitation: गुजरात में फिर आरक्षण आंदोलन की तैयारी, करणी सेना करेगी महारैली

Gujarat Reservation Agitation गुजरात में करणी सेना की मांग है कि वर्तमान आरक्षण व्‍यवस्‍था को समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 01:41 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 07:21 PM (IST)
Gujarat Reservation Agitation: गुजरात में फिर आरक्षण आंदोलन की तैयारी, करणी सेना करेगी महारैली
Gujarat Reservation Agitation: गुजरात में फिर आरक्षण आंदोलन की तैयारी, करणी सेना करेगी महारैली

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। Gujarat Reservation Agitation: गुजरात में एक बार फिर आरक्षण आंदोलन की जमीन तैयार हो रही है। पाटीदारों ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया, लेकिन करणी सेना आरक्षण में संशोधन की मांग को लेकर 15  दिसंबर को गांधीनगर में महारैली करेगी।

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राज्‍य ने लंबे समय तक पाटीदार आरक्षण आंदोलन का सामना किया, उसी दौरान ओबीसी व दलित आंदोलन भी हुए लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सब कुछ शांत हो गया तथा आंदोलनकारी नेता भी अलग-अलग राजनीतिक दलों के खेमों में चले गए लेकिन आरक्षण को लेकर एक बार फिर करणी सेना ने कमर कस ली है।

करणी सेना की मांग है कि वर्तमान आरक्षण व्‍यवस्‍था को समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए। एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्‍ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए इसकी धारा 18 ए को हटाया जाए तथा गलत केस दायर करने पर सजा का प्रावधान हो। इन्‍हीं मांगों को लेकर करणी सेना ने 15 दिसंबर को गांधीनगर में एक महारैली का आयोजन किया है। करणी सेना के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी भी इसमें शामिल होंगे।

सेना की मांग है कि देशभर में आरक्षण आंदोलन होगा, अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया। गौरतलब है कि अप्रैल, 2015 से गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन हुआ, जिसके चलते दो-ढाई साल तक राज्‍य में शांति व व्‍यवस्‍था के हालात खराब रहे, अब एक बार फइर आरक्षण के मुद्दे पर सवर्ण जातियां आंदोलन की राह पर हैं। करणी सेना को सर्वसमाज के संगठन भी साथ दे रहे हैं इनमें राजपूत करणी सेना, आदि भी शामिल हैं।

करणी सेना गुजरात के अध्‍यक्ष राज शेखावत के मुताबिक, गुजरात के कच्‍छ में सरकार की ओर से दलितों को आवंटित जमीनों को लेकर क्षत्रिय व दलित समुदाय के बीच टकराव है। करणी सेना के अध्‍यक्ष राज शेखावत ने इसको लेकर गत गत 30 अक्‍टूबर को रापर में एक सभा को संबोधित किया तो उनके खिलाफ एट्रोसिटी के तहत मुकदमा दायर करा दिया गया। इससे नाराज शेखावत ने कहा कि उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन व सरकार को मध्‍यस्‍थता कर दलित व राजपूतों के बीच जमीन विवाद को सुलझाना चाहिए।

शेखावत ने बताया कि उनके खिलाफ दायर शिकायत पर जांच के बाद ही कार्रवाई होनी चाहिए। शिकायत पूरी तरह बेबुनियाद व राजनीतिक इशारे पर दर्ज कराई गई है, जिसमें निर्दलीय विधायक जिग्‍नेश मेवाणी का भी नाम आ रहा है। 

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