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Gujarat: अस्पताल के रिकॉर्ड में लापता कैंसर मरीज का शव मुर्दाघर में मिला

cancer patient. परिजनों का कहना है कि उन्हें मरीज के बारे में तब पता चला जब उनका शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखा मिला।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 08:09 PM (IST)
Gujarat: अस्पताल के रिकॉर्ड में लापता कैंसर मरीज का शव मुर्दाघर में मिला
Gujarat: अस्पताल के रिकॉर्ड में लापता कैंसर मरीज का शव मुर्दाघर में मिला

अहमदाबाद, प्रेट्र। cancer patient. एक कैंसर मरीज के परिवार ने आरोप लगाया है कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने पांच मई को भर्ती के बाद से उनके मरीज की कोई जानकारी नहीं दी। मरीज की मृत्यु के बारे में भी उन्हें नहीं बताया गया। परिजनों का कहना है कि उन्हें मरीज के बारे में तब पता चला, जब उनका शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखा मिला।

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54 वर्षीय मृतक अहमदाबाद से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित पोरबंदर का निवासी था। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने चार मई को उसके पिता के नमूने को कोरोना वायरस टेस्ट के लिए अस्पताल से जुड़े कोविड-19 केंद्र से संपर्क करने के लिए कहा था। उसने दावा किया, 'सिविल अस्पताल के 1200 बेड वाले विशेष कोविड सुविधा केंद्र में मेरे पिता का नमूना लिया गया और उन्हें चार मई को अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने मुझसे कहा कि वे मुझे मेरे फोन पर पिता के नमूनों के परिणाम के बारे में सूचित करेंगे, लेकिन आठ दिनों तक कोई फोन नहीं आया।'

बेटे ने कहा कि वह हर रोज अस्पताल जाता था। उसने अस्पताल की हेल्प डेस्क पर अपना फोन नंबर और अन्य विवरण भी छोड़ दिया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उसने यह भी आरोप लगाया कि मरीजों के रजिस्टर में उसके पिता का कोई रिकॉर्ड नहीं था। इसके बाद उसने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया से मदद के लिए संपर्क किया, क्योंकि उसके पिता स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता थे। मोढवाडिया ने कहा, 'मुझे बताया गया कि ओपीडी रिकॉर्ड के मुताबिक कैंसर रोगी को वार्ड नंबर-तीन में भर्ती किया गया था, न कि आइसीयू में। हालांकि, उस वार्ड में मरीज नहीं मिला।'

बेटे ने बताया कि आखिरकार अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल के मुर्दाघर में ढूंढ निकाला। उसने कहा, 'उन्होंने मुझे बताया कि मेरे पिता की मृत्यु आठ मई को हो गई थी, लेकिन मुझे उनकी मृत्यु के बारे में आज तक सूचित नहीं किया गया था और ऐसा लगता है कि उन्होंने दबाव बढ़ने की वजह से उन्हें ढूंढा।' सिविल अस्पताल में कोविड-19 मामलों के लिए विशेष ड्यूटी अधिकारी (ओएसडी) एमएम प्रभाकर ने कहा कि अधिकारियों ने मृतक के बेटे तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उससे उसके फोन पर संपर्क नहीं हो सका।

प्रभाकर ने कहा, 'मृतक ने गले के कैंसर के इलाज के लिए कैंसर अस्पताल का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उसे परीक्षण के लिए कोरोना वायरस सुविधा केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया था। आठ मई को मृत्यु के बाद शव मुर्दाघर में रखा गया था।' इस बीच, मोढवाडिया ने सवाल उठाया है कि अगर वह कोविड निगेटिव था तो उसे कोविड सुविधा केंद्र में रखने के बजाय कैंसर अस्पताल में वापस क्यों नहीं भेजा गया।

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