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Gujarat: भाजपा में शामिल हुए समलैंगिक प्रिंस मानवेंद्र सिंह

Gujarat राजपीपला राजघराने के सदस्य मानवेंद्र सिंह गोहिल के साथ 50 किन्नरों ने भाजपा का दामन थामने के साथ ही अपने समाज की समस्याओं को भी बयां किया। गोहिल ने बताया कि केंद्र में राजग सरकार आने के बाद समलैंगिक को कानूनी अधिकार मिला है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 08:13 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 09:29 PM (IST)
Gujarat: भाजपा में शामिल हुए समलैंगिक प्रिंस मानवेंद्र सिंह
भाजपा में शामिल हुए समलैंगिक प्रिंस मानवेंद्र सिंह। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: गुजरात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एससी-एसटी व ओबीसी सेल की तरह अब किन्नर सेल भी होगा। गे प्रिंस मानवेंद्र सिंह के साथ वडोदरा में पचास किन्नर भाजपा में शामिल हुए हैं। उनके मुताबिक, किन्नरों को कानूनी मान्यता मिल गई लेकिन समाज में उचित स्थान मिलना बाकी है। गुजरात भारतीय जनता पार्टी का सदस्यता अभियान जल रहा है, किसी राजनीतिक दल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किन्नर शामिल हुए हैं। राजपीपला राजघराने के सदस्य मानवेंद्र सिंह गोहिल के साथ 50 किन्नरों ने भाजपा का दामन थामने के साथ ही अपने समाज की समस्याओं को भी बयां किया। गोहिल ने बताया कि केंद्र में राजग सरकार आने के बाद समलैंगिक को कानूनी अधिकार मिला है। इसके अलावा किन्नर समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ आवास, रोजगार जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

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विश्व की सबसे बडी पार्टी के सदस्य बनने के बाद अब उनकी समस्याओं को जीवन में महिला पुरुषों की तरह देखा जाएगा तथा उनका हल निकालने के प्रयास होंगे। वडोदरा शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ विजय शाह का कहना है कि किन्नर समुदाय के सदस्यों ने बड़ी संख्या में भाजपा मैं अपना विश्वास जताया है। किन्नर समाज अब भाजपा परिवार का सदस्य बन गया है। भाजपा सरकार उनकी शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार व आवास की समस्याओं के समाधान का प्रयास करेगी। किन्नर मानवी वैष्णव का कहना है कि भाजपा में शामिल करने बहुत खुश हूं। किसी राजनीतिक दल में शामिल होकर राजनीति करने व चुनाव लड़ने का सपना होता मौका मिला तो आगामी निकाय चुनाव में मैं जरूर भाग्य आजमाऊंगी। मानवेंद्र सिंह कहते हैं कि आज भी किन्नर तथा समलैंगिक समाज को एक अलग अलग अरे से देखा जाता है।

कानूनी अधिकार मिलने के बावजूद समाज में स्वीकार्यता बहुत कम है। करीब डेढ़ दशक पहले जब उन्होंने समलैंगिक होने की बात स्वीकार की तो समाज व मित्रों की प्रति किसने के बाद थोड़ा असहज महसूस हुआ। मानवेंद्र के मुताबिक, किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का उनका पहला अनुभव और इसे किन्नर समाज की समस्याओं को हल करने में आसानी होगी तथा राजनीति में भागीदारी से किन्नर समाज का भी उत्थान होगा। उनका कहना है कि किन्नर समाज बहुत संवेदनशील होता है तथा उसमें शिक्षा व जागरूकता की आवश्यकता है। राजनीति में शामिल होने से निश्चित तौर पर इस समुदाय में एक परिपक्वता आएगी। साथ ही, समाज में भी उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी।


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