गुजरात में जीएसटी चोरी की जांच शुरू
Fake billing in gujarat. प्रशासन ने फर्जी बिलिंग कर सरकारी खजाने को 58 करोड़ से अधिक का चूना लगाने वाले व्यापारियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में बड़े पैमाने पर जीएसटी बिल घोटाला सामने आने के बाद अब प्रशासन ने फर्जी बिलिंग कर सरकारी खजाने को 58 करोड़ से अधिक का चूना लगाने वाले व्यापारियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है। एक हजार करोड़ के फर्जी बिल बताकर करोड़ों का लाभ उठाने वाले सौराष्ट्र के ऐसे एक दर्जन से अधिक व्यापारियों के खातों की जांच शुरू कर दी है।
गुजरात सौराष्ट्र के जीएसटी कार्यालय ने राजकोट, अमरेली, जूनागढ, गोंडल आदि शहरों की 380 कंपनियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। आरोप है कि इन कंपनियों ने फर्जी बिल पेश करके करोड़ों के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है। इससे पहले जीएसटी शाखा ने इस मामले में सौराष्ट्र के तेल उद्यमी विमल जयंती भूत, अनिल जयंती भूत, रवि जयंती वाला, मेहुल दलपत ठक्कर, अमित हंसमुख ठक्कर, मयुर ठक्कर की धरपकड़ कर जीएसटी चोरी मामले की जांच शुरू कर दी है। इन व्यापारियों ने करीब एक हजार करोड़ के फर्जी बिल तैयार कर करीब 58 करोड़ के जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है।
जीएसटी शाखा ने सौराष्ट्र की जयंत ऑयल मिल, जयवीर ऑयल मिल, राधारमण एन्टरप्राइज, गोपीनाथ ट्रेडिंग, श्री रिफोइल्स, तुलसी ट्रेडिंग कंपनी, व्रज ऑयल मिल व श्रीनाथ ट्रेडिंग कंपनी में फर्जी बिलों की शिकायत के बाद इनके खातों की जांच शुरू की है। जीएसटी शाखा ने फर्जी खरीद बताकर जीएसटी का गैरलाभ उठाने वाली 380 अन्य कंपनियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
उधर, जीएसटी कार्यालय के अधिकारियों के नोटिस के जवाब में स्टे लेने के बाद जीएसटी कार्यालय की ओर से स्टे नहीं हटाने को लेकर व्यापारी नाराजगी जता रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी कार्यालय के स्टे के चलते उनका कारोबार चौपट हो रहा है। सौराष्ट्र में जीएसटी कार्यालय व व्यापारियों के इस चूहा बिल्ली के खेल के चलते करोड़ों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।