गुजरातः हार्दिक पटेल के समर्थन में उतरी कांग्रेस
आमरण अनशन पर बैठे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ कांग्रेस अब पूरी तरह साथ खड़े नजर आना चाहती है।
अहमदाबाद, जेएनएन। आरक्षण व किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर 12 दिन से आमरण अनशन पर बैठे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ कांग्रेस अब पूरी तरह साथ खड़े नजर आना चाहती है। वहीं, क्षेत्रीय दल राजनीतिक फायदे के जुगाड़ में हैं। लोकसभा चुनाव से पहले हार्दिक का साथ लेकर वे संसद में अपनी संख्या बढ़ाने की फिराक में हैं।
गुजरात में बीते तीन साल से पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति पाटीदारों को आरक्षण की मांग कर रही है। वर्ष 2015 में स्थानीय निकाय तथा 2017 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका सीधा लाभ पहुंचा, जिसके बाद अब लोस चुनाव से पहले कांग्रेस पाटीदार की मांग के समर्थन में खुलकर आ गई है। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी व सांसद राजीव सातव, अध्यक्ष अमित चावडा, नेता विपक्ष परेध धनाणी, विधायक ग्यासुद्दीन शेख, हिम्मत सिंह पटेल, ललित वसोया सहित आधा दर्जन विधायक बुधवार शाम हार्दिक से मिलने पहुंचे।
भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कांग्रेस पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि कांग्रेस शासित किसी राज्य में आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया है क्या, आयोग का गठन किया है क्या, कांग्रेस पाटीदारों की ओबीसी के तहत मांग का समर्थन करती है क्या। भरत पंड्रया ने कांग्रेस पर राजनीति लाभ उठाने के प्रयास में समाज को जातियों में बांटने का भी आरोप लगाया।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राज्य की सभी 26 सीट जीतने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि 7 से 8 सीट उनकी झोली में आएगी। कांग्रेस प्रभारी राजीव सातव उसी रणनीति पर काम भी कर रहे हैं इसके लिए अब वे पाटीदारों की मांग के समर्थन में खुलकर आ गए हैं। उधर, एनसीपी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, त्रणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, हार्दिक की मदद से राज्य में अपना खाता खोलने की फिराक में है। उनको उम्मीद है कि पाटीदार समाज के इस युवा तुर्क के दम पर वे यहां एक दो सीट जीतने में भी सफल हुए तो आगामी लोकसभा में नंबर बढने से सरकार में उनकी पूछ होगी।
पूर्व जज गुजरात पुलिस पर भड़के
महाराष्ट्र हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीजी कोलसे ने कहा कि हार्दिक से मिलने आने पर पुलिस ने उन्हें रोका तथा उनकी जाति पूछी गई। किसी पुलिस अधिकारी ने मिलने की औपचारिता नहीं निभाई तथा उनहें मुख्य रोड से हार्दिक के निवास तक पैदल जाने को कहा। हालांकि उनके उम्र का हवाल देने के बाद उन्हें कार ले जाने दिया गया, लेकिन बाद में नाराजगी जताते हुए जज कोलसे बोले पुलिस ऐसा व्यवहार कर रही थी जैसे मेरे सभी संवैधानिक अधिकार समाप्त हो गए।