बालक चोरी की अफवाह में हत्या के मामले में मुख्य आरोपित की जमानत खारिज
अदालत ने कहा कि भिक्षुक होने से उसके जीवन जीने का अधिकार खत्म नहीं हो जाता है।
By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 04:00 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 04:00 PM (IST)
अहमदाबाद, जेएनएन। बालक चोरी की अफवाह फैलाकर भिक्षुक महिला की भीड़ द्वारा हत्या किए जाने के मामले में मुख्य आरोपित हंसमुख सोलंकी की जमानत हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि भिक्षुक होने से उसके जीवन जीने का अधिकार खत्म नहीं हो जाता है। इस मामले में 15 आरोपित अभी फरार हैं, इसलिए उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन के मुताबिक जमानत नहीं दी जा सकती।
भीड़ व समूह की हिंसा पर उच्चतम न्यायालय की चिंता के बाद राज्य सरकार व हाईकोर्ट भी इस मामले को लेकर गंभीर है। गत 26 जून को अहमदाबाद के वाडज में ऑटो में जा रही दो महिलाओं को हिंसक भीड़ ने बच्चा चोर समझ कर बुरी तरह पीटा, जिसके चलते राजस्थानी मूल की भिक्षुक महिला शांतादेवी नाथ की मौत हो गई थी। सरकारी वकील सुधीर ब्रम्हभट्ट ने बताया कि मामला गंभीर है तथा इस केस के 15 आरोपित अभी फरार हैं, ऐसे में जमानत मिलने पर ये लोग फिर से ऐसी वारदार को अंजाम दे सकते हैं। अदालत ने आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी।
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