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जेल से रिहा हुए अल्पेश, पाटीदारों ने किया स्वागत

Alpesh Kathiriya. सूरत की लाजपोर जेल से रिहा हुए पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया का पाटीदारों ने भव्य स्वागत किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 12:39 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 12:39 PM (IST)
जेल से रिहा हुए अल्पेश, पाटीदारों ने किया स्वागत
जेल से रिहा हुए अल्पेश, पाटीदारों ने किया स्वागत

सूरत, शत्रुघ्न शर्मा। राजद्रोह के आरोप में तीन माह 20 दिन जेल में बिताने के बाद रविवार को सूरत की लाजपोर जेल से रिहा हुए पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया का पाटीदारों ने भव्य स्वागत किया। चर्चित पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अल्पेश को आंदोलन का मुख्य चेहरा घोषित कर दिया है, जिसके बाद अब तय है कि हार्दिक पूरी तरह राजनीतिक रण में उतरने की तैयारी में है। अल्पेश पाटीदार समाज में गब्बर के नाम से चर्चित हैं,  इसलिए गब्बर इज बैक के स्लोगन के साथ पाटीदार उनकी रिहाई पर खुशियां मना रहे हैं।

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दक्षिण गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे अल्पेश कथीरिया पर राजद्रोह व हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। करीब 111 दिन अहमदाबाद की साबरमती व सूरत की लाजपोर जेल में बिताने के बाद अल्पेश रविवार को रिहा हुए तो आंदोलन के नैसर्गिक नेता के रूप में पाटीदारों ने उनका भव्य स्वागत किया। अल्पेश खुद पेशे से वकील हैं तथा उनके पिता घनश्याम कथीरिया हीरा कारीगर हैं। मध्यम वर्ग परिवार के अल्पेश का दक्षिण गुजरात के पाटीदार समाज पर अच्छी पकड़ है। पाटीदार समाज सौम्य व सरल स्वभाव के अल्पेश को अपना नया नेता चुनने को तैयार है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति से जुड़े कई पाटीदार युवकों ने भी अब यह बात कहना शुरू कर दिया है। अल्पेश द्रढ़ संकल्प के चलते पाटीदार समाज में गब्बर के नाम से चर्चित है, इसलिए उनकी रिहाई पर गब्बर इज बैक नाम से स्लोगन खूब प्रचारित किया जा रहा है।

जेल से रिहा होते ही अल्पेश का स्वागत

पाटीदार समाज भी अपने नए नेता के रूप में कर रहा है। पाटीदार समिति में भी कहीं ना कहीं इस बात की चर्चा पहले हो चुकी है इसलिए अल्पेश के रिहा होते ही समाज के सभी युवा नेता उनका स्वागत अपने नए नेता के रूप में कर रहा है। पाटीदार समाज के युवाओं का मानना है कि अल्पेश को राजनीतिक कारणों से राजद्रोह के मामलों में फंसा कर जेल में बंद किया गया। समाज उसे तुरुप का इक्का मान रहा है, जो हार्दिक के बाद समाज का कुशलता से नेत्रत्व कर सकेगा। पाटीदार नेता दिनेश बामणिया ने कहा कि पाटीदार समाज आरक्षण आंदोलन को तेज करेगा तथा अल्पेश के रिहा होने के बाद तीन दिन तक सूरत में पाटीदार संकल्प यात्रा निकाली जाएगी।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दूसरे प्रमुख नेता अल्पेश कथीरिया पर अहमदाबाद व सूरत में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज था। अहमदाबाद अपराध शाखा ने 20 अगस्त, 2018 को उन्हें गिरफ्तार किया था। अधिवक्ता रफीक लोखंडवाला बताते हैं कि गुजरात हाईकोर्ट ने गत माह उन्हें जमानत पर छोडा उसी दिन सूरत पुलिस ने उन्हें राजद्रोह के दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया था। गत दिनों सूरत सैशंस कोर्ट ने उन्हें इस मामले में जमानत दी थी। इसके साथ ही हत्या के प्रयास के एक मामले में भी उनहें जमानत मिली है।

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दिनेश बामणिया, गीता पटेल आदि भी यहां पहुंचे। राजद्रोह के मामले में 6 माह जेल में बिताकर रिहा होने वाले हार्दिक पटेल जैसा ही स्वागत यहां अल्पेश का किया गया। हार्दिक ने अल्पेश को आंदोलन का मुख्य चेहरा बताकर खुद अब सक्रिय राजनीति की ओर कदम बढ़ाने का साफ संकेत दे दिया है, माना जा रहा है कि हार्दिक गुजरात से आगामी लोकसभा चुनाव लडेंगे। उनके पाटीदार बहुल सौराष्ट्र की किसी सीट से लडने की संभावना है।

पाटीदार समाज के हकों के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा, न्यायिक प्रक्रिया को पूरा करते हुए जेल से रिहा हुआ।

-अल्पेश कथीरिया,राजद्रोह के आरोपी पाटीदार नेता।


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