वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय पहुंचे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि दक्षिण गुजरात का यह क्षेत्र, गुजरात का इकनॉमिक इंजन है और सूरत शहर का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है।
सूरत, जेएनएन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत के वार्षिक दीक्षांत समारोह में शिरकत की। राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर खुशी हुई है कि इस विश्वविद्यालय के 1,41,000 विद्यार्थियों में से बेटियों की संख्या लगभग 82,000 है जो विद्यार्थियों की कुल संख्या के आधे से काफी अधिक है। आज दिए गए 82 पदकों में से बेटियों ने 62 पदक जीते हैं।
इस विश्वविद्यालय के कार्य-क्षेत्र में आदिवासी बेटे-बेटियों की संख्या काफी बड़ी है। विश्वविद्यालय इन वर्गों के उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शिक्षा का उद्देश्य जीवन-निर्माण के अलावा विद्यार्थी के अंदर विचार और कर्म की स्वतंत्रता का पोषण करना है।
उन्होंने कहा कि कवि नर्मद की गिनती गुजराती भाषा के पुरोधाओं में की जाती है। वे कवि, लेखक, चिंतक, भविष्यदृष्टा और कोशकार थे। महिला-कल्याण, विधवा-विवाह और राष्ट्र-उत्थान के लिए उन्होंने जीवन-भर संघर्ष किया। ‘गरवी गुजरात’ गीत लिखकर उन्होंने गुजरात को एक विशेष पहचान दी।
उनके मुताबिक, दक्षिण गुजरात का यह क्षेत्र, गुजरात का इकनॉमिक इंजन है और सूरत शहर का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। टेक्सटाइल्स और हीरा उद्योग इस नगर की विशेष पहचान है। मुझे बताया गया है कि दुनिया भर के 90 प्रतिशत से अधिक हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग सूरत में होती है।