साबरमती रिवर फ्रंट पर युवकों से अभद्र व्यवहार मामला: चाकूबाजी घटना की जांच करेंगे जोन डीसीपी विहिप ने आरोप को बताया बेबुनियाद
पठान ए आई एम आई एम के कार्यकर्ताओं के साथ अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव से मुलाकात की तथा इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। पठान का आरोप है कि अहमदाबाद में नाम पूछ कर 6 लड़को में से 2 लड़कों पर चाकू से हमला किया गया।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। साबरमती रिवर फ्रंट पर बैठे युवकों से नाम पूछ कर उनके साथ अभद्र व्यवहार करने एवं चाकू मारकर घायल करने के मामले में एआईएमआईएम ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। जिसके बाद अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त आर वी असारी को इस घटना की जांच सौंपी गई। घायल युवक नौशाद एवं रूहान है जबकि हमला करने का आरोप विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं पर लग रहा है।
गत शुक्रवार को साबरमती रिवर फ्रंट के एक किनारे पर कुछ युवक बैठे हुए थे। युवकों का एक समूह वहां पहुंचा तथा उन्होंने एक-एक करके उनसे नाम पूछा। दो युवकों ने अपना नाम नौशाद गया रुहान बताया इस पर आरोपी युवक उग्र हो गए तथा गाली देते हुए उनसे कहने लगे कि यहां आने की हिम्मत कैसे हुई। ए आई एम आई एम अहमदाबाद के अध्यक्ष शमशाद पठान ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए तुरंत अस्पताल पहुंचकर घायलों को की सार संभाल की।
उधर विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि एफ आई आर में कहीं पर भी विहिप का नाम नहीं है शिकायतकर्ता किसी भी आरोपी को नहीं पहचानता है इसके बावजूद संगठन को बेवजह बदनाम किया जा रहा है।
पठान ए आई एम आई एम के कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव से मुलाकात की तथा इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। पठान का आरोप है कि अहमदाबाद में नाम पूछ कर 6 लड़को में से 2 लड़कों पर चाकू से हमला किया गया। पार्टी के शहर प्रमुख एडवोकेट शमशाद पठान और अहमदाबाद शहर युवा प्रमुख शीबू भाई ने रिवरफ्रंट पर हुए हमले के पीड़ितों के साथ मुलाकात की वहां पर पीड़ित रुहान और नौशाद ने बताया कि जब वह अहमदाबाद के रिवरफ्रंट पर अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे तभी 6 असामाजिक तत्व वहां आये उन्होंने जब यह जाना कि इनके नाम रुहान और नौशाद है तो उन असामाजिक तत्वों ने गाली दे कर कहा कि तुम लोग यहां क्यों बैठे हो?ऐसा कहते हुए चाकू से रोहन और नौशाद पर हमला कर दिया जिसके बाद सिविल अस्पताल ने रोहन को आउटडोर इलाज कर के घर भेज दिया जबकि नौशाद को गंभीर जानलेवा जख्म होने की वजह से अस्पताल में आईसीयू में एडमिट कर लिया गया लेकिन फिर भी एफआईआर में आईपीसी की धारा 307 नही लिखी गई है।
एआईएमआईएम ने शनिवार को गुजरात डीजीपी आशीष भाटिया व अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर संजय श्रीवास्तव को इस मामले को ले कर अवगत कराया और मांग कि है कि मुकदमे में जरूरी धाराएं लगाई जाए।