Gujarat: गुजरात में पुलिस अधिकारियों को लगाना पड़ेगा बॉडीकैम
Gujarat मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि नागरिकों के साथ पुलिस का अभद्र व्यवहार तथा भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस निरीक्षक तथा उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के शरीर पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: गुजरात पुलिस के निरीक्षक और उप निरीक्षक को अब बॉडीकैम लगाना पड़ेगा। नागरिकों के साथ पुलिस के अभद्र व्यवहार तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि नागरिकों के साथ पुलिस का अभद्र व्यवहार तथा भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस निरीक्षक तथा उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के शरीर पर बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि उनके व्यवहार और कामकाज पर नजर रखी जा सके। ये कैमरे सीधे कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे, जहां इन अधिकारियों की पल-पल की गतिविधि कैद होती रहेगी।
पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक अभियान चलाकर बीते पांच साल में 1,112 केस दर्ज किए हैं। सरकार ने रैपिड रिस्पांस सेल को भी अब समाप्त कर दिया है। इसके जवान जिला पुलिस में भेजे जाएंगे। वर्ष 1995 में तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने शराब की अवैध बिक्री, जुआ तथा अन्य अपराध रोकने के लिए इस सेल का गठन किया था।
रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी को सुपर कंप्यूटर उपलब्ध कराएगा सी डैक
रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी ने सुपर कंप्यूटर के लिए सी डैक के साथ एक एमओयू पर दस्तखत किया है। सुपर कंप्यूटर साइबर क्राइम व अन्य अपराध की जांच में काम आएगा। सी डैक समझौते के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय संचालित राष्ट्रीय रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी को सुपर कंप्यूटर उपलब्ध कराएगा। यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी कुमार सब्यसाची ने बताया कि सुपर कंप्यूटर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, फेस डिटेक्शन, वॉइस सैंपल, लार्ज डेटा सैंपल एनालिसिस, क्राइम सीन के तेजी से विश्लेषण के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा तथा पुलिस प्रशासन को सुदृढ़ बनाने में काम आएगा।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात पुलिस में वर्ष 1995 से कार्यरत आरआर सेल को समाप्त कर दिया जाएगा। रेंज आईजी के भीतर काम करने वाली गुजरात पुलिस की आरआर सेल इकाई के एक कांस्टेबल गत दिनों एक व्यक्ति से हजारों रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गया था। आरआर सेल सीधे रेंज आईजी के निर्देश पर काम करती है तथा उनको ही रिपोर्ट करती है, इसलिए पुलिस अधीक्षक इस यूनिट के कर्मचारियों व जवानों को निर्देश नहीं दे पाते।