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Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गुजरात के 18000 गांवों से धनराशि एकत्र करेगी विहिप

Ayodhya Ram Temple विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन के मुताबिक उनका संगठन फंड संग्रह अभ्यास के हिस्से के रूप में 5.23 लाख गांवों में रहने वाले 65 करोड़ हिंदुओं से संपर्क करने के लिए देश भर में कुछ 40 लाख स्वयंसेवकों को तैनात करेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 08:05 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 09:33 PM (IST)
Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गुजरात के 18000 गांवों से धनराशि एकत्र करेगी विहिप
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गुजरात के 18000 गांवों से धनराशि एकत्र करेगी विहिप। फाइल फोटो

अहमदाबाद, प्रेट्र। Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता लोगों से धनराशि एकत्र करने के लिए 15 जनवारी से गुजरात से 18000  गांवों का दौरा करेंगे। संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन के मुताबिक, उनका संगठन फंड संग्रह अभ्यास के हिस्से के रूप में 5.23 लाख गांवों में रहने वाले 65 करोड़ हिंदुओं से संपर्क करने के लिए देश भर में कुछ 40 लाख स्वयंसेवकों को तैनात करेगा। जैन ने कहा कि गुजरात में 18556 गांव हैं, हम उनमें से हर एक को कवर करेंगे। हमारे स्वयंसेवक राम मंदिर के लिए धन जुटाने के अभियान के तहत हर हिंदू समाज से संपर्क करेंगे।

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उन्होंने कहा कि जैन समुदाय ने मंदिर निर्माण के लिए 25 किलोग्राम चांदी की ईंट भेंट की है। उन्होंने दावा किया कि हमने सरकार या कुछ चुनिंदा कारोबारियों से पैसे नहीं लेने का फैसला किया है। राम मंदिर पूरे देश के योगदान से बनाया जाएगा। विहिप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सूरत में एक प्रमुख हीरा चमकाने वाली कंपनी श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स के संस्थापक चेयरमैन गोविंद ढोलकिया को वीएचपी की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो गुजरात में फंड जुटाने के अभियान का नेतृत्व करेगा। इस साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी।

गौरतलब है कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू करने की तैयारी प्रशस्त होती जा रही है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने अगले माह मंदिर निर्माण शुरू होने का विश्वास व्यक्त किया था। उनके मुताबिक, जहां रामलला का गर्भगृह है, उसके पश्चिम में भूमि की सतह के नीचे अब भी सरयू का प्रवाह है। ऐसे में मंदिर की नींव तैयार करने के साथ बड़े-बड़े बांध बनाये जाने की तर्ज पर मंदिर के ठीक पश्चिम और सरयू के भूमिगत प्रवाह के बीच रिटेनिंग वाल बनाई जाएगी। 


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