Move to Jagran APP

केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला बोले- बिना वजह किसानों को गुमराह कर रही है कांग्रेस

कृषि बिल (Farmer Bill) को लेकर केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ( Purushottam Rupala) ने कहा कि ये कानून किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बनाये गए हैं इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है कि जिससे किसानों का अहित हो।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 01:52 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 01:52 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला बोले- बिना वजह किसानों को गुमराह कर रही है कांग्रेस
केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा कृषि बिल किसानों के हित के लिए बनाए गए हैं

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहां है कि किसानों को मुक्त बाजार की हवा लगने दो। कृषि बिल किसानों के हित के लिए बनाए गए हैं मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में किसानों की आय में बढ़ोतरी की है। केंद्रीय सरकार ने देश में पहली बार किसानों को खाते में सीधी रकम जमा कराई है।  

loksabha election banner

केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध के बीच केंद्रीय कृषि वह ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पुरषोत्तम ने कहा है कि कांग्रेस बिना वजह किसानों को गुमराह कर रही है केंद्रीय बिलों में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे किसानों का अहित होता हो। रुपाला में फिर एक बार कहा कि एमएसपी को खत्म करने का आरोप बेबुनियाद है, कृषि कानूनों के निर्माण के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा तत्कालीन केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने एपीएमसी के समानांतर निजी मंडियां खड़ी होने की आशंका जताते हुए सिर्फ यह सलाह दी थी कि दोनों जगह टैक्स की समानता हो और उसके लिए सरकार आज तैयार है। 

रुपाला ने कहां की स्टॉक लिमिट खत्म करने की बात को जमाखोरी व कालाबाजारी से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन विशेष परिस्थितियों में सरकार को हर तरह के फैसले करने व कानून बनाने का अधिकार होता है कोई भी कंपनी बाजार में किसी उत्पाद की कमी उत्पन्न करके मुनाफाखोरी नहीं कर सकती है। रुपाला ने कहा कि आज से पहले किसानों की आवक में बढ़ोतरी की नीतियां सिर्फ उत्पादन पर आधारित थी लेकिन मोदी सरकार ने उत्पादकता को आवक के साथ जोड़ने की नीति बनाई है ताकि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जा सके। 

कांग्रेस पर लगाया आरोप 

रुपाला ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि डॉक्टर स्वामीनाथन की जिस रिपोर्ट को लागू करने की मांग आज कांग्रेस के नेता कर रहे हैं यूपीए के 10 साल के कार्यकाल में उसी रिपोर्ट को कांग्रेस सरकारें दबा कर बैठी रही। रूपाला ने दावा किया है कि यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जो खरीद हुई थी मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में उससे 75 फीसदी अधिक खरीद की है साथी धान तिलहन दलहन व अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी की है। गुजरात में किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं मिलने का एक कारण उन्होंने यह भी बताया कि किसान प्रीमियम अलग फसल का भरता है लेकिन खेत में दूसरी फसल को उगाता है। फसल खराब होने पर जब उसकी मौका रिपोर्ट तैयार होती है तब विवाद उत्पन्न होता है। 

मुक्त बाजार का लाभ देना सरकार का उद्देश्य

रूपाला ने कहा कि गुजरात सरकार ने कपास में मूंगफली की फसलों के प्रीमियम में जो अंतर था वह सरकार की ओर से जमा कराने का फैसला कर किसानों को फसल बीमा की राशि मिलने को सुनिश्चित किया है। पहले किसान फसल जो भी हुआ है लेकिन उसका बीमा कम प्रीमियम वाली फसल का जमा कराता था। रुपाला ने कहा है कि कमोडिटी कानून बनाकर मुक्त बाजार पर नियंत्रण करना सरकार का उद्देश्य नहीं है किसानों को मुक्त बाजार का लाभ देना सरकार का उद्देश्य है। मुक्त बाजार में कमोडिटी या फसल का दाम तय करना अपने आप में किसानों का नुकसान करना होगा। रूपाला ने बताया कि गुजरात में पहले 18 लाख हेक्टेयर भूमि की पियत होती थी लेकिन नर्मदा नेहरों के आ जाने के बाद निश्चित रूप से पीएफ भूमि का क्षेत्रफल 18 लाख हेक्टेयर और बढ़ गया। 

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर पैदा किया जा रहा है भ्रम 

रुपाला ने यह भी कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर के देश में एक भ्रम पैदा किया जा रहा है आज देश में वर्षों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग हो रही है कोई भी बड़ा किसान अपने खेतों को खुद नहीं जोत रहे हैं। उन्होंने गुजरात का ही एक उदाहरण देते हुए बताया कि गुजरात का आदिवासी समुदाय आज गुजरात की कृषि भूमि की देखभाल कर रहा है उनके बिना खेतों में पत्ता भी नहीं हिलता। गुजरात के पूर्व गृहमंत्री एवं गुजरात भाजपा  उपाध्यक्ष गोवर्धन भाई झड़पिया का कहना है कि गुजरात के सौराष्ट्र उत्तर गुजरात वह दक्षिण गुजरात में वर्षों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग हो रही है। जानी-मानी मल्टीनेशनल कंपनी मैकडोनाल्ड उत्तर गुजरात के दिशा में आलू के किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करा रही है। 

प्याज की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग

जैन इरिगेशन भावनगर के महुआ में प्याज की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करा रही है तथा प्रति 20 किलो प्याज के 180 के हिसाब से दाम भी तय करके कॉन्ट्रैक्ट किया है। दक्षिण गुजरात के कई किसान फल व सब्जियों की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करते हैं जिससे उन्हें सूरत अहमदाबाद मुंबई दिल्ली के साथ-साथ दुनिया के कई विकसित शहरों में अपने फल व सब्जी व अन्य उत्पाद बेचने का मौका मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी किसानों को यह अवसर देना चाहते हैं कि वह अपनी फसल का अधिक से अधिक मूल्य वसूली तथा उन्हें देश में दुनिया में कहीं पर भी अपनी फसल बेचने की आजादी मिले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.