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फिर दोहराया गया उनाकांड, नये कपडे व मोजड़ी पहनने पर दलितों की पिटाई

नूतन वर्ष गुजरात के उना में एक बार फिर दलितों के उत्पीड़न की घटना सामने आयी है।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 10:13 AM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 10:13 AM (IST)
फिर दोहराया गया उनाकांड,  नये कपडे व मोजड़ी पहनने पर दलितों की पिटाई
फिर दोहराया गया उनाकांड, नये कपडे व मोजड़ी पहनने पर दलितों की पिटाई

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के उना में एक बार फिर दलितों के उत्पीड़न की घटना सामने आयी है। दलित युवकों को नूतन वर्ष पर नये कपड़े और मोजड़ी पहनने जैसी मामूली बात पर पीटा गया और चाकू से वार किया गया। दलितों पर हमला करने वालों में एक उना कांड का आरोपी भी शामिल है। घटना के बाद चारों आरोपी फरार हो गये है। पुलिस ने नादरख गांव में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त तैनात कर दिया गया है।

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यह घटना नूतन वर्ष पर नादरख गांव में हुई। दलित युवक मनु सोलंकी (27) , भारत सोंलकी (30) तथा उगाभाई सोलंकी नूतन वर्ष पर नये कपड़े और मोजड़ी पहनकर नादरख गांव की ओर जा रहे थे। तभी उना कांड में जमानत पर बाहर आये अजित गोहिल सहित अन्य चार युवकों ने दलित युवकों को बेहरमी से पीटा , इतना ही नही एक युवक ने चाकू से भी हमला किया। 

जिला पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने बताया कि घायल पीड़ितों को जूनागढ़ सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया। पीड़ित मनु सोलंकी ने चेहरे पर चाकू के गहरे निशान है। उसने बयान दिया है कि उना कांड का आरोपी अजित गोहिल, महेन्द्र सिंह गोहिल, किशोर गोहिल और अनिरुद्ध गोहिल ने शराब पी रखी थी। चारों ने जातिगत टिप्पणी कर अपमानित किया और नये कपड़े व मोजड़ी पहनने की तुम्हारी औकात नहीं है कह कर बेहरमी से पीटा। जिला पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने बताया कि चारों अरोपी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जाति के है। इस संबंध में उना पुलिस थाने ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दो साल पहले उनाकांड का पूरे देश में विरोध हुआ था

सोमनाथ जिले में स्थित उना तहसील में दो वर्ष पहले 11 जुलाई 2016 में भी गौरक्षा के नाम पर कथित गौरक्षकों ने एक मरी हुई गाय का चमड़ा उतार रहे दलित युवक वशराम सरवैया (26), रमेश सरवैया (23) उसके चचेरे भाई अशोक सरवैया (20) और उसके रिश्तेदार बेचर (30) को निर्वस्त्र कर पीटा था। हैरान करने वाली बात यह थी कि जहां दलितों की पिटाई की गई थी वो उना पुलिस थाने के थोड़ी दूरी पर थी। जिसके बाद इस घटना का पूरे देश में विरोध किया गया था। राज्यसभा से लोकसभा तक सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना की आलोचना की थी । एक बार फिर इसी तहसील में दलितों पर अत्याचार होने से उनकी सुरक्षा पर सवालिया निशान पैदा हुआ है। 


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