Gujarat: धर्म परिवर्तन के लिए गुजरात हाईकोर्ट पहुंचा ये शख्स
Gujarat हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह पटेल के आवेदन पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लें। पटेल के वकील एमटी सैय्यद ने कहा कि आवेदन एक वर्ष से अधिक समय से भरूच में कलेक्टर की अनुमति के लिए लंबित है।
अहमदाबाद, प्रेट्र। Gujarat: गुजरात में एक 32 वर्षीय हिंदू ने धर्म परिवर्तन के लिए राज्य के धर्मांतरण विरोधी कानून से अनुमित मांगी। मगर एक साल बाद भी अनुमति नहीं मिलने पर उसने गुजरात हाईकोर्ट में अपनी याचिका स्थानांतरित कर दी है। भरूच जिले के जिग्नेश पटेल ने अपनी याचिका में कहा कि फरवरी, 2020 में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच के बाद भी भरूच के कलेक्टर ने उसके आवेदन को रोक दिया। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी ने जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह पटेल के आवेदन पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लें। पटेल के वकील एमटी सैय्यद ने कहा कि आवेदन एक वर्ष से अधिक समय से भरूच में कलेक्टर की अनुमति के लिए लंबित है।
आवेदन पर फैसला करने के लिए कलेक्टर को निर्देश देने के लिए याचिका दायर की गई थी। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में कहा गया था कि पटेल पर धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं था, जैसा कि राज्य के धर्मांतरण विरोधी कानून में जनादेश दिया गया था। पटेल ने 26 नवंबर, 2019 को कलेक्टर को अपना आवेदन दिया। आवेदन में कहा कि वह किसी के दबाव में धर्मांतरण नहीं कर रहा है। याचिकाकर्ता ने अपने हलफनामे में कहा कि वह इस्लाम के प्रति आकर्षित था और धर्म में परिवर्तित होना चाहता था। वह छह साल से मुस्लिमों की तरह रह रहा था। रमजान के दौरान उपवास रखता था, नमाज अदा करता था और धर्म से जुड़े अन्य रिवाजों का पालन करता था।
पटेल ने हाईकोर्ट को बताया कि एक जनवरी, 2020 को आधिकारिक रूप से धर्म रूपांतरण की अध्यक्षता करने वाले इमरान पटेल के एक हल्फनामे में जिग्नेश के आवेदन का समर्थन किया था। मगर जिला कलेक्टर ने उनके आवेदन का जवाब नहीं दिया। जिग्नेश के मुताबिक, घोषणापत्र में उसने बिना किसी के दबाव में धर्म परिवर्तन करने करने की बात कही है। अब कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद ही यह पता चल सकेगा कि उसे धर्म परिवर्तन की अनुमति मिलेगी या नहीं।