मां-बाप को नही दी गुजारा भत्ते की रकम, कोर्ट ने बेटे को सुनाई 1545 दिन की सजा
मां-बाप को नही द गुजारा भत्ते की रकम, कोर्ट ने बेटे को सुनाई 1545 दिन की सजा इसके बाद भी बेटा ढाई साल से वृद्ध मां-बाप को गुजरा भत्ता नहीं दे रहा है।
अहमदाबाद, जेएनएन। अहमदाबाद फैमिली कोर्ट ने वृद्ध मां-बाप को गुजारा भत्ता नहीं चुकाने की वजह से बेटे को 1545 दिन की सुजा सुनाई है। न्यायाधीश मयूर परीख ने फैसला सुनाते हुए उल्लेख किया कि कोर्ट ने मां-बाप को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया । इसके बाद भी बेटा ढाई साल से वृद्ध मां-बाप को गुजरा भत्ता नहीं दे रहा है। जिससे वह सजा का हकदार है।
शहर के गोललीमडा क्षेत्र नमें रहते रणछोडभाई सोलंकी और पत्नी जशुबहन ने अधिवक्ता वसिम अब्बासी के जरिए फैमिली कोर्ट में वर्ष 2013 में याचिका दायर कर अपने दो बेटों कांतिभाई और डाहाभाई से गुजारा भत्ता की मांग की थी। करीब 70 वर्षीय दंपती ने याचिका दायर कर मांग की थी कि वे अब काम करने में अशक्त है और गुजारा करने उनके पास रुपये नहीं है। उनके दोनों बेटे अब अच्छा कमाते है।
दोनों बेटों के पास से गुजारा करने के लिए रुपये मिलने चाहिए। फैमिली कोर्ट ने 2015 में दोनों बेटों को अपनी कमाई के मुताबिक अपने वृद्ध मां-बाप को हर महिने 1800 रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। मगर ढाई वर्ष से उनका एक बेटा कांतिभाई अपने मां-बाप को गुजारा भत्ता नही दे रहा है। जिससे मां-पां ने फैमिली कोर्ट में रिक्वरी याचिका दायर पुत्र के पास बकाया राशि की मांग की। अदायकी से इंकार करने पर कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया और कहा कि बकाया राशि अदायगी के बाद ही इसे रिहा किया जाये।