बेटे महेंद्र से नाराज शंकर सिंह वाघेला अज्ञातवास में
महेंद्र सिंह एक सप्ताह पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, जिस पर शंकर सिंह वाघेला को आपत्ति थी।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला शनिवार को अपने 78वें जन्मदिन पर गुजरात से बाहर रहे। उनके पुत्र व पूर्व विधायक महेंद्र सिंह वाघेला ने पौधारोपण कर पिता का जन्मदिन मनाया। यह स्पष्ट किया कि उनके भाजपा में शामिल होने से पिता नाराज नहीं हैं। महेंद्र सिंह एक सप्ताह पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, जिस पर शंकर सिंह को आपत्ति थी। इससे पहले बापू ने इफ्तार में कांग्रेस नेताओं को बुलाया था पर सब कन्नी काट गए।
गांधीनगर वसंत वगडा शंकर सिंह वाघेला का निजी आवास है जहां हर 21 जुलाई को उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है। प्यार से लोग उन्हें बापू कहकर पुकारते हैं, लेकिन 78वें जन्मदिन पर बापू अपने समर्थकों व परिवार को छोड़कर गुजरात से बाहर चले गए।
शंकर सिंह ने महेंद्र को चेतावनी दी थी कि 21 जुलाई तक समर्थकों को बुलाकर उनकी राय लें और उसके बाद भाजपा में रहने या नहीं रहने का फैसला करें। शनिवार को समय सीमा पूरी हो गई और महेंद्र ने समर्थकों को नहीं बुलाया। बकौल बापू अब महेंद्र के साथ उनके राजनीतिक रिश्ते समाप्त माने जाएंगे।
महेंद्र का दावा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद भी उनकी बापू से बात होती थी। बापू उनसे नाराज नहीं हैं। अब सबकी नजर बापू के वापस लौटने पर है।
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में अपने बेटे के समधी बलवंत सिंह राजपूत को जिताने के लिए बापू ने कांग्रेस को अधर में छोड़ दिया था। बाद में उन्होंने फिर से कांग्रेस से संबंध बनाने का प्रयास किया। रमजान में बापू ने इफ्तार पार्टी रखी थी जिसमें कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन सभी कांग्रेस नेताओं ने बापू से दूरी बनाए रखने में ही भलाई समझी। इसके बाद ही महेंद्र ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। महेंद्र ने गत विधानसभा चुनाव बायड से कांग्रेस के टिकट पर जीता था।