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Ram Temple In Ayodhya: राम मंदिर के लिए 10 करोड़ परिवारों से चंदा लेगा संघ

Ram Temple In Ayodhya आरएसएस व विहिप राम मंदिर के भव्‍य निर्माण के लिए देश के पांच लाख गांवों के 10 करोड़ परिवारों से धनसंग्रह का अभियान चलाएगा। मोबाइल के जरिए भी संघ धनएकत्र करने का एक महा‍अभियान शुरू करेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 07:46 PM (IST)
Ram Temple In Ayodhya: राम मंदिर के लिए 10 करोड़ परिवारों से चंदा लेगा संघ
राम मंदिर भारत के आत्‍मसम्‍मान व गौरव का प्रतीकः आरएसएस। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Ram Temple In Ayodhya: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि अयोध्या का राम मंदिर दुनिया के समक्ष भारत के आत्मसम्मान और गौरव का प्रतीक होगा। संघ देश में सामाजिक समरसता, पारिवारिक मूल्यों और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देगा। साथ ही, देश के 10 करोड़ परिवारों से राम मंदिर के लिए धन संग्रह का अभियान चलाएगा। संघ के करीब तीन दर्जन आनुषंगिक संगठनों के लगभग 150 पदाधिकारी गांधीनगर के उवारसद गांव में स्थित कर्णावती विश्वविद्यालय के परिसर में समन्वय बैठक में शामिल हुए। संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने बताया कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर दुनिया के समक्ष भारत के आत्मसम्मान और गौरव का प्रतीक होगा।

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संघ और विहिप भव्य मंदिर के निर्माण के लिए देश के पांच लाख गांवों के 10 करोड़ परिवारों से धनसंग्रह का अभियान चलाएंगे। संघ मोबाइल के जरिये भी धन एकत्र करने का एक महा अभियान शुरू करेगा। डॉ गोपाल ने बताया कि इन परिवारों से 10 से 100 रुपये तक का दान स्वीकार किया जाएगा। बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह भय्याजी जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय आदि भी शामिल हुए। डॉ गोपाल ने बताया कि हिंदू समाज में जाति, भाषा और जन्म के आधार पर भेदभाव पर भी चिंतन किया गया। आगामी दिनों में संघ देश में सामाजिक समरसता का अभियान शुरू करेगा। देश में संयुक्त परिवारों के बिखरने पर भी चिंता जताई गई। हिंदू संस्कारों व पारिवारिक मूल्यों के पतन पर भी संघ देश में वैचारिक आंदोलन शुरू करेगा। संघ पर्यावरण संरक्षण पर भी काम करेगा।

समन्वय बैठक में भाजपा, विहिप, भारतीय किसान संघ, वनवासी परिषद, विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ, राष्ट्र सेविका समिति, स्वदेशी जागरण मंच सहित संघ से जुडे़ संगठनों के डेढ़ सौ पदाधिकारियों ने देश के वर्तमान हालात तथा राष्ट्रीय मुद्दों पर चिंतन किया। कोरोना महामारी के दौरान संघ की ओर से किए गए कार्यो की चर्चा की गई। साथ ही महामारी के दौरान देश के लोगों को जागरूक बनाने पर भी बल दिया। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के सवाल पर डॉ गोपाल ने कहा कि सरकार व किसानों को आपसी संवाद के जरिये इस विवाद को सुलझाना चाहिए।


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