उत्तर से मध्य गुजरात तक आरक्षण आंदोलन लोक रक्षक दल भर्ती मुद्दे पर आरक्षित वर्ग भड़का
Lok Raksha Dal लोक रक्षक दल भर्ती में आरक्षण की मांग को लेकर गांधीनगर में एससी एसटी वर्ग की छात्राएं दो माह से धरने पर बैठी हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। लोक रक्षक दल भर्ती में आरक्षण की मांग को लेकर गांधीनगर में जहां एससी एसटी वर्ग की छात्राएं दो माह से धरने पर बैठी हैं। वहीं मेहसाणा में ओबीसी समुदाय तथा छोटा उदेपुर में राठवा समाज के महिला पुरुष सडकों पर उतरे।
शुक्रवार को गांधीनगर से लेकर उत्तर गुजरात व मध्य गुजरात में आरक्षण आंदोलन की ही धमक रही। मेहसाणा में एससी एसटी व ओबीसी एकता मंच तथा ठाकोर सेना ने एक रैली का आयोजन कर तोरण मैदान पर सभा का आयोजन किया। भाजपा के युवा नेता व ठाकोर सेना के पदाधिकारी देवेंद्र ठाकोर ने तो आंदोलन के लिए उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल को ही जिम्मेदार ठहरा दिया।
उनका आरोप है कि अगस्त 2018 में सरकार ने एक परिपत्र जारी कर एलआरडी भर्ती में आरक्षित वर्ग की युवतियों को आरक्षण का लाभ नहीं देने की घोषणा की थी इसे रद्द कराने की मांग को लेकर ही एससी एसटी तथा ओबीसी समाज आंदोलन कर रहा है। पटेल इस परिपत्र के बचाव में हैं ताकि आंदोलन के चलते वे मुख्यमंत्री बन सकें।
उधर आदिवासी राठवा समाज के लोगों ने भी इसी मुद्दे को लेकर छोटा उदेपुर बंद रखा तथा ट्रेन रोककर िवरोध जताया। दिनभर जिले के नसवाडी, संखेडा, बोडेली आदि कस्बों में बाजार बंद रहे, परिवहन सेवा भी ठप कर दी जिससे लोगों व यात्रियों को परेशानी हुई। सांसद नारण राठवा ने सरकार पर आरक्षण व्यवस्था से छोड़छाड़ कर आदिवासी व दलित समुदाय के साथ अन्याय कर रही है।
गौरतलब है कि गुरुवार को ही आदिजाति विकास मंत्री गणपतसिंह वसावा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति अजजा वर्ग के एक भी फर्जी प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं किया जाएगा। लोक रक्षक दल एलआरडी भर्ती में आए दो हजार से अधिक प्रमाण जांच में सही पाए गए तथा दो सौ से अधिक की जांच चल रही है।
वसावा का आरोप है कि कांग्रेस के कार्यकाल में गीर,बरडा व आलेचना जंगल में रह रहे रबारी, भरवाड व चारण समुदाय को भी अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल गया गया था। वर्ष 1993 में राज्य में जयंत मलकाण समिति बनाकर 17 हजार 503 अजजा प्रमाण पत्र बनाए गए तब चिमनभाई पटेल मुख्यमंत्री थे। वसावा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मलकाण समिति का गठन कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था इसलिए इस समस्या के लिए भी कांग्रेस ही िजम्मेदार है।
क्या है लोक रक्षक दल
गुजरात पुलिस के दो हजार से अधिक लोक रक्षक दल के पदों पर भर्ती के लिए अगस्त 2018 में सरकार ने प्रक्रिया शुरु की। आरक्षित वर्ग की युवतियों ने मेरिट लिस्ट में आरक्षण की मांग करते हुए दो माह पहले गांधीनगर में धरना शुरु किया। दिसंबर 2019 में कॉल लेटर भेजना शुरु किया गया तो आंदोलन और तेज हो गया ओर ये गुजरात के विविध जिलों में फैल गया।