गुजरात आईबी में कार्यरत पीएसआई पत्नी को पत्र लिखकर लापता
गुजरात इंटेलिजेंस का एक पुलिस उपनिरीक्षक पत्नी के नाम पत्र लिखकर लापता है। लिखा है कि गॉड फादर नहीं हो, तो नौकरी करना मुश्किल हो जाता है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात इंटेलिजेंस पुलिस के उपनिरीक्षक अनिल परमार के लापता होने पर आईबी के प्रभारी डीजीपी ने कहा है कि पुलिस महकमे के अधिकारियों के परेशान करने का अनिल का आरोप गलत है। अनिल की नियुक्ति सीधे आईबी में हुई थी तथा नौकरी करते हुए उसने दो कंपनियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट ले रखे थे, गत 26 जनवरी को वह ड्यूटी से गैरहाजिर था।
परमार दो दिन पहले पत्नी के नाम पत्र लिखकर कहीं चले गए हैं। पत्र में उन्होंने पुलिस महकमें के आला अफसरों की प्रताड़ना का उल्लेख करते हुए लिखा है कि गॉड फादर नहीं हो, तो नौकरी करना मुश्किल हो जाता है। अब उनसे सहन नहीं हो रहा है तथा वह जा रहे हैं। आईबी के डीजीपी आरबी ब्रम्हभट्ट ने बताया कि अनिल आईबी जामखंभालिया में तैनात हुए थे, वहां उसके खनन माफियाओं से संबंध थे, उनकी दो कंपनी मालिकों के साथ विवाद चल रहा है, उनका परमार के साथ लाखों रुपये का लेन-देन था। पांच साल होने के बाद परमार का गांधीनगर तबादला किया गया था। गत 26 जनवरी को परेड में शामिल नहीं होने पर उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। डीजीपी ने कहा कि परमार के भाई ने 25 सितंबर को उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसकी जांच लोकल क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ही एक पुलिस निरीक्षक ने काम के दबाव में आकर सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में मौत की वजह पुलिस विभाग में काम के बोझ को सहन नहीं कर पाना बताया था। अब पुलिस निरीक्षक के लापता होने को पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। उनका कहना है कि राज्य पुलिस विभाग में काम का माहौल अच्छा है, अधिकारी अपने निजी कारणों से तनाव में हो सकते हैं।