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Gujarat Assembly: कांग्रेस विधायक डॉ अनिल जोशीयारा 25 साल बाद बने प्रोटेम स्‍पीकर

Gujarat 25 साल में कांग्रेस के लिए यह पहला मौका था जब उनका कोई विधायक बतौर प्रोटेम स्‍पीकर वहां बैठकर सदन को संचालित करते नजर आया। कांग्रेस विधायकों ने डॉ अनिल जोशीयारा के कुर्सी पर बैठते ही मेज थपथपाकर उनका जोरदार स्‍वागत कर हुए खुशी का इजहार किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 05:29 PM (IST)
Gujarat Assembly: कांग्रेस विधायक डॉ अनिल जोशीयारा 25 साल बाद बने प्रोटेम स्‍पीकर
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक डॉ अनिल जोशीयारा 25 साल बाद बने प्रोटेम स्‍पीकर। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: गुजरात विधानसभा में करीब 25 साल बाद कांग्रेस के लिए एक सुखद संयोग ऐसा बना कि उनके वरिष्‍ठ विधायक डॉ अनिल जोशीयारा को अल्‍पकालीन विधानसभा अध्‍यक्ष बनकर सदन का संचालन करने का मौका मिला। गुजरात विधानभा में कांग्रेस लंबे समय से संसदीय परंपराओं का हवाला देते हुए विधानसभा उपाध्‍यक्ष के पद पर कांग्रेस विधायक के नियुक्ति की मांग करती आ रही है, लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं होने के कारण राज्‍य सरकार इसे लगातार टालती आ रही है। लेकिन शुक्रवार को एक मौका ऐसा आया, जब कांग्रेस के वरिष्‍ठ विधायक डॉ अनिल जोशीयारा ने विधानसभा अध्‍यक्ष की कुर्सी पर बैठकर करीब एक घंटे तक सदन का संचालन किया। 

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25 साल में कांग्रेस के लिए यह पहला मौका था, जब उनका कोई विधायक बतौर प्रोटेम स्‍पीकर वहां बैठकर सदन को संचालित करते नजर आया। कांग्रेस विधायकों ने जोशीयारा के कुर्सी पर बैठते ही मेज थपथपाकर उनका जोरदार स्‍वागत करते हुए अपनी खुशी का भी इजहार किया। दरअसल, गुजरात विधानसभा में अध्‍यक्ष की अनुपस्थिति में सदन का संचालन करने के लिए एक पैनल बनाया जाता है, जिसमें भाजपा की विधायक डॉ नीमाबेन आचार्य, पूर्णेश मोदी व दुष्‍यंत पटेल के अलावा कांग्रेस विधायक डॉ जोशीयारा भी हैं। विधानसभा अध्‍यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी शुक्रवार को जब सदन से अनुपस्थित थे, नीमाबेन भी वहां मौजूद नहीं थीं। विधायक पूर्णेश मोदी व दुष्‍यंत पटेल पहले ही विधानसभा छोड़कर जा चुके थे। इसलिए डॉ जोशीयारा को अल्‍पकालीन विधानसभा अध्‍यक्ष बननेका मौका मिला।

गौरतलब है कि गुजरात सरकार चालू बजट सत्र में लव जिहाद के खिलाफ कानून (गुजरात धर्म स्‍वतंत्रता सुधार विधेयक 2021) पेश करेगी। इसके तहत बहला फुसलाकर या धोखे से युवती से विवाह कर उसका धर्म परिवर्तन कराने पर पांच साल तक की सजा व दो लाख रुपये का जुर्माना होगा। नाबालिग लड़की के मामले में सजा सात साल तथा जुर्माना तीन लाख रुपये का होगा। गुजरात में वर्ष 2003 में गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्‍ट बनाया गया था, जिसमें 2006 में पहली बार संशोधन किया गया। गुजरात सरकार चालू बजट सत्र में गुजरात धर्म स्‍वतंत्रता सुधार विधेयक 2021 लाने वाली है। इसके तहत बहला-फुसलाकर या धोखा देकर किसी धर्म की लड़की से विवाह कर उसका धर्म परिवर्तन कराने पर पांच साल की सजा व दो लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।


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