बिटकॉइन की लूट पर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट, गुजरात के मुख्य सचिव को किया तलब
सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट को सीबीआइ ने गत दिनों एक आपराधिक मामले में पूछताछ के लिए पकड़ा था।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। सूरत के एक बिल्डर से सीबीआइ और गुजरात पुलिस के अधिकारियों ने 17 करोड़ रुपये के बिटकॉइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए, जिसे लेकर अब प्रधानमंत्री कार्यालय भी अलर्ट हो गया है। पीएमओ ने जांच पर नाखुशी जताते हुए गुजरात के मुख्य सचिव से इस संदर्भ में एक रिपोर्ट मांगी है।
गत दिनों बिल्डर शैलेष भट्ट को गिरफ्तार कर इस मामले की जांच शुरू हुई थी। खुद पुलिस अधीक्षक सुजाता मजूमदार ने शैलेष व अन्य को बुलाकर गहराई से छानबीन की लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय जांच से संतुष्ट नहीं है। केंद्र सरकार कालेधन के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है तथा वित्तमंत्री अरुण जेटली पहले ही बिटकॉइन को भारत में अवैध बताते हुए इसके लेन-देन पर नजर रखने की बात कह चुके हैं। ऐसे में एक सीबीआइ अफसर व अमरेली पुलिस अफसरों की मिलीभगत से बिल्डर शैलेष के खाते से 17 करोड़ के बिटकॉइन ट्रांसफर कराने के मामले को पीएमओ ने गंभीरता से लेते हुए गुजरात के मुख्य सचिव डॉ. जेएन सिंह से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है कि सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट को सीबीआइ ने गत दिनों एक आपराधिक मामले में पूछताछ के लिए पकड़ा था। शैलेष पिछले काफी समय से राज्य में बिटकॉइन की खरीद फरोख्त से जुड़ा था जिसके चलते सीबीआइ के निरीक्षक सुनील नायर ने उससे पांच करोड़ के बिटकॉइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए और 70 लाख से अधिक की नकदी भी छोड़ने के बदले वसूली की। अमरेली के पुलिस उपाधीक्षक जगदीश पटेल व निरीक्षक अनंत पटेल को इसकी जानकारी मिली तो वह भी शैलेष को गिरफ्तार कर अमरेली ले गई तथा वहां उससे 12 करोड़ के बिटकॉइन अपने खाते में जमा करा लिए।
शैलेष का आरोप है कि उसे पुलिस व सीबीआइ के अधिकारियों ने गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखा तथा उसके खाते में जमा बिटकॉइन भी ट्रांसफर करा लिए। शैलेष का आरोप है कि उसे सीबीआइ अधिकारी ने सरकारी कार्यालय के बजाए गांधीनगर चिलोडा के पास एक निजी केशव फार्म पर ले जाकर धमकी दी तथा उसके पास से बिटकॉइन ट्रांसफर कराए व नकदी भी छीन ली।