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Gujarat: सूरत में छात्रावास का भूमि पूजन, PM मोदी बोले- ‘सबका साथ, सबका विकास’का सामर्थ्य गुजरात से सीखा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के सूरत (Surat) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा निर्मित छात्रावास फेज-1 (लड़कों के छात्रावास) का भूमि पूजन कर रहे हैं । इस मौके पर राज्‍य के सीएम भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 10:53 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 01:16 PM (IST)
Gujarat: सूरत में छात्रावास का भूमि पूजन, PM मोदी बोले- ‘सबका साथ, सबका विकास’का सामर्थ्य गुजरात से सीखा
गुजरात के सूरत में छात्रावास का भूमि पूजन

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के सूरत (Surat) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा निर्मित छात्रावास (Boys Hostel) फेज-1 (लड़कों के छात्रावास) का भूमि पूजन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है। अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है। देश अपने पारंपरिक स्किल्स को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है। कोरोना के कठिन समय के बाद हमारी अर्थव्यवस्था ने जितनी तेजी से वापसी की है, उससे पूरा विश्व भारत को लेकर आशा से भरा हुआ है।

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अभी हाल में एक विश्व संस्था ने भी कहा है कि भारत फिर दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। ये हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है कि भूपेंद्र भाई, एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो टेक्नोलॉजी के भी जानकार हैं और जमीन से भी उतना ही जुड़े हुए हैं। अलग-अलग स्तर पर काम करने का उनका अनुभव, गुजरात के विकास में बहुत काम आने वाला है। जीवन में शिक्षा का काफी महत्व है तथा हमारे महापुरुषों ने शिक्षा के माध्यम से ही देश को महान राष्ट्र बनाया। हम सब भारत के बेटे हैं और हमें आपसी सहयोग से देश का निर्माण करना होगा।

सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज सूरत के छात्रावास के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार साहब ने कहा भी था- "जाति और पंथ को हमें रुकावट नहीं बनने देना है। हम सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए, परस्पर स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए"। भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई।

आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है। इस स्थान को इसलिए विकसित किया गया था ताकि शिक्षा का प्रसार किया जा सके, गांव के विकास से जुड़े कामों में तेजी लाई जा सके। जो लोग गुजरात के बारे में कम जानते हैं, उन्हें मैं आज वल्लभ विद्यानगर के बारे में भी बताना चाहता हूं। आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान, करमसद-बाकरोल और आणंद के बीच में पड़ता है।

देश में ही नही विदेशों में भी नाम रोशन कर रहे हैं युवा

‘सबका साथ, सबका विकास’का सामर्थ्य क्या होता है ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है। एक समय गुजरात में अच्छे स्कूलों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी थी। उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ा। हां गुजरात शिक्षा व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में काम कर रहा है। गुजरात के युवा देश में ही नही विदेशों में भी भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।

लड़कियों की ड्रॉपआउट दर में गिरावट

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में इस पहल से सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज युवाओं को एक नई दिशा देगा और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेगा। मुझे बताया गया है कि दोनों चरणों का छात्रावास निर्माण 2024 तक पूरा हो जाएगा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब गुजरात में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षकों की कमी थी... विभिन्‍न कारणों से लड़कियां पढ़ाई छोड़ रहीं थी इनमें से एक स्‍कूलों में लड़कियां के लिए शौचालय की कमी भी थी। लेकिन अब इस सुविधा के मिलने के बाद लड़कियों की ड्रॉपआउट दर में गिरावट आई है।

1500 छात्रों के लिए छात्रावास

इस छात्रावास में 1500 छात्रों के रहने की सुविधा होगी, साथ ही एक सभागार और पुस्‍तकालय भी इसमें बनाया जाएगा। दूसरे चरण में अगले साल यहां 500 छात्राओं के रहने के लिए भी एक छात्रावास बनाया जाएगा। इस खास कार्यक्रम के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (CM Bhupender Patel) भी उपस्थित हैं। सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज 1983 में स्थापित एक पंजीकृत ट्रस्ट है जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों का शैक्षिक और सामाजिक परिवर्तन है। यह ट्रस्ट छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में मदद करने के साथ-साथ उन्हें उद्यमिता और कौशल विकास के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।


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