गुजरात में किसानों ने उचित दाम नहीं मिलने पर खेत में खड़ी प्याज की फसल चराई
onion Farmer. गुजरात में किसानों ने प्रति किलो प्याज के दाम 75 पैसे मिलने से खेत में खड़ी फसल पशुओं को चरा दी।
अहमदाबाद, जेएनएन। प्याज के उचित दाम नहीं मिलने से किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। मूंगफली व कपास के बाद किसानों के प्याज के उचित दाम के लिए भी आंसू बहाने पड़ रहे हैं। सौराष्ट्र के किसानों ने रविवार को प्रति किलो प्याज के दाम 75 पैसे मिलने से खेत में खड़ी फसल पशुओं को चरा दी, जबकि कई किसानों ने प्याज मुफ्त में सबको बांट दी।
किसानों को प्रति किलो प्याज के बुआई से लेकर उसके ट्रांसपोर्टेशन तक कुल न्यून्तम चार से पांच रुपये खर्च करने पड़ते हैं और बाजार में प्याज प्रतिकिलो 15 से 20 रुपये में मिल रहा है, लेकिन बिचौलियों के कारण किसानों प्रतिकिलों प्याज के 75 पैसे ही मिल रहे हैं। इससे निराश सौराष्ट्र के भेंसाणा तहसील के 70 से अधिक किसानों ने प्याज की तैयार फसल पशुओं को चरा दी। वहीं, कई किसानों ने अपनी फसल लोगों को मुफ्त ही बांट दी।
पशुओं को अपनी फसल चराने वाले सौराष्ट्र के करीया गांव के किसान चंद्रेशभाई घडुक ने बताया कि इस क्षेत्र में जंगली पशुओं का आतंक रहता है। इस कारण किसानों द्वारा कंदमूल की बुआई की जाती है। इस बार उन्होंने प्याज की बुआई की थी। लेकिन उसका सही दम नहीं मिला है। इससे उनकी मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसान प्याज पर प्रति क्विंटल 200 रुपये सहायता दी जाती है, जबकि गुजरात के किसानों से अन्याय होता है। गुजरात में किसानो की बहुत दयनीय स्थिति है। वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए हैं।
आंबालाश गिर गांव के किसान चंदुभाई नानजीभाई रामोलीया ने बताया कि उन्होंने रुपये खर्च कर सात से आठ महीने के मेहनत कर आठ बीघा खेत में प्याज की बुआई की थी। प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ था। लेकिन प्याज बाजार में बेचने के लिए गए तो व्यापारी ने 20 किलो के 16 रुपये दिए। उन्होंने प्याज की फसल तैयार करने में जितनी मेहनत और खर्च किया, उससे आधी कीमत भी उन्हें नहीं मिल रही थी। इस कारण निराश होकर उन्होंने आसापास के गांवों में प्याज मुफ्त में ही सबको बांट दी।
किसानों का आरोप है कि मार्केटयांर्ड में प्याज की कीमत 50 से 97 रुपये प्रति 20 किलो के भाव बेची जाती है । लेकिन किसानों को उसकी आधी कीमत भी नहीं मिलती है। किसानों ने कहा कि उनकी फसल के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सही दाम नहीं मिलने से किसानों में सरकार के खिलाफ रोष है। आगामी दिनों में सौराष्ट्र भर के किसान आंदोलन करेंगे।