Gujarat: रक्षाबंधन पर एक बेटी ने की मां व बहन की हत्या, भाई ने कराई एफआईआर
रक्षाबंधन की पूर्वसंध्या सूरत के एक परिवार के लिए मानो काल बनकर आई।सूरत में अपनी दो पुत्रियों डाक्टर दर्शना व फाल्गुनी के साथ रहने वाली मंजुला कांतिभाई सोडागर को अहसास भी नहीं था की इस रक्षा बंधन के पर्व पर उसके परिवार की खुशियां हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी
अहमदाबाद जागरण संवाददाता। जिंदगी से तंग आकर एक डाक्टर बहन अपनी ही मां वह बहन को बेहोशी के इंजेक्शन देकर मौत की नींद सुला दी और खुद भी नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मुंबई से लौटा भाई अपनी इस बहन की जान तो बचा लिया पर रक्षाबंधन के दिन ही उसके खिलाफ मां व बहन की हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया है।
रक्षाबंधन की पूर्वसंध्या सूरत के एक परिवार के लिए मानो काल बनकर आई। सूरत के कतारगाम इलाके में अपनी दो पुत्रियों डाक्टर दर्शना (31) व फाल्गुनी (29) के साथ रहने वाली मंजुला कांतिभाई सोडागर को अहसास भी नहीं था की इस रक्षा बंधन के पर्व पर उसके परिवार की खुशियां हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। शनिवार रात्रि डाक्टर दर्शना ने अपनी मां वह बहन को दर्द निवारक इंजेक्शन का बहाना कर एनएसथीसिया ड्रग की ओवरडोज लगा दी। इसके बाद खुद ने भी नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।
दर्शना खुद होम्योपैथी चिकित्सक है जबकि उसकी बहन फाल्गुनी एक शिक्षिका थी। मंजुलाबेन अपने पति से करीब 20 साल पहले अलग होकर अपने बेटे गौरव व बेटियों के साथ किराए के मकान में रहने लगी थी। गौरव दो-तीन दिन पहले ही अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मुंबई गया था। रविवार तड़के जब वह घर पहुंचा तो मुख्य दरवाजा बंद था जिसके बाद में पिछले दरवाजे से अंदर गया तो उसने अपनी मां व एक बहन को मृत हालत में पाया।
डॉ दर्शना की सांसे चल रही थी वह उसे लेकर अस्पताल पहुंचा जहां चिकित्सकों ने उसकी जान बचा ली है। डाक्टर दर्शना ने बताया कि अपनी मां व बहन के साथ वह भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है अगर वह खुद अकेले आत्महत्या करती तो मां व बहन का भी जीना मुश्किल हो जाता। इसी भावावेश में आकर पहले उसने मां और बहन को बेहोशी की ओवरडोज का इंजेक्शन लगा दिया तथा बाद में खुद भी नींद की गोलियां खा ली।
पुलिस को इनके घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें डाक्टर दर्शना ने जीवन से परेशान होकर अब जीने की इच्छा नहीं होने की बात लिखी है। रक्षाबंधन के दिन हुई इस घटना से सूरत में लोग स्तब्ध हैं तथा इसे नियति का खेल ही बता रहे हैं कि जिस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती है, उसी दिन एक भाई को अपनी एक बहन व मां को खो दिया है तथा जिस बहन की जान बचाता है उसके खिलाफ ही उसे हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराना पड़ा है।