Cyber Crime: अब पुलिस से साइबर अपराधियों का बच पाना होगा मुश्किल
Cyber Crime नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी ने इसके लिए एक विशेष फोरेंसिक प्रशिक्षण माड्यूल विकसित किया है। एनएफएसयू के गांधीनगर और दिल्ली कैंपस के निदेशक एसओ जुनारे ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह माड्यूल तैयार किया गया है।
गांधीनगर, आइएएनएस। तकनीक में विकास के साथ अपराध के तरीके भी बदल रहे हैं। साइबर अपराध, वित्तीय साइबर धोखाधड़ी जैसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दुनिया के किसी एक कोने में बैठा अपराधी किसी दूसरे कोने में वारदात को अंजाम दे देता है। ऐसी वारदातों को रोकने और अपराधियों की नकेल कसने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) ने इसके लिए एक विशेष फोरेंसिक प्रशिक्षण माड्यूल विकसित किया है। एनएफएसयू के गांधीनगर और दिल्ली कैंपस के निदेशक एसओ जुनारे ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह माड्यूल तैयार किया गया है। हालांकि, एनएफएसयू के लिए यह कोई नया माड्यूल नहीं है।
इससे पहले एनएफएसयू राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने से पहले गुजरात पुलिस के लिए इस तरह का माड्यूल तैयार कर चुका है और 13 हजार से पुलिसकर्मियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया है। इसमें साइबर अपराध, डीएनए निष्कर्षण, डीएनए प्रोफाइलिंग, वित्तीय साइपर धोखाधड़ी, इनके तरीके, फोरेंसिक जांच और कई अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है। जुनारे ने कहा कि पुलिसकर्मी अपराध की जांच में प्रशिक्षित होते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि उन्हें अपराध के सुराग का पता लगाने, जांच करने, साक्ष्य संग्रह, साक्ष्य हस्तांतरण, डाटा हस्तांतरण इत्यादि के फोरेंसिक तरीके बारे में जानकारी हो। अपराधी वारदात को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं, इसलिए जरूरी है कि पुलिसकर्मियों को भी ऐसे अपराध की जांच का तौर तरीका पता हो। इसी को ध्यान में रखते हुए यह माड्यूल अंग्रेजी और हिंदी भाषा में तैयार किया गया है और आठ अन्य भाषाओं में भी इसे तैयार किया जा रहा है। एनएफएसयू में सेंटर आफ एक्सिलेंस के उद्घाटन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन के दौरान जुनारे ने यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को इस केंद्र का उद्घाटन करेंगे। इस नई तकनीक से साइबर क्राइम के मामलों में कमी आने की संभावना है।