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Gujarat Politics: गुजरात में अब ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर कांग्रेस की नजर

Gujarat Politics गुजरात में ओबीसी दलित आदिवासी के समीकरण को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस की नजर अब उत्तर गुजरात के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर है। अल्पेश ने 2017 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था लेकिन बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 07:55 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 07:55 PM (IST)
Gujarat Politics: गुजरात में अब ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर कांग्रेस की नजर
गुजरात में अब ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर कांग्रेस की नजर। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। उत्तर गुजरात के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर भी कांग्रेस की नजर है। भाजपा में शामिल होने के बाद से अल्पेश खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने अल्पेश को खुला आमंत्रण दिया है। इसके बाद अब इसी समुदाय के भाजपा सांसद ने भी सक्रियता दिखाते हुए समाज के युवकों के खिलाफ दर्ज कानूनी केस वापस लेने की मुख्यमंत्री से मांग की है।

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गुजरात में ओबीसी, दलित, आदिवासी के समीकरण को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस की नजर अब उत्तर गुजरात के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर पर है। अल्पेश ने 2017 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे। उपचुनाव में हार के बाद से वे प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर हैं।

सीएम को लिखा खत

विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही अब भाजपा व कांग्रेस में अपने वोट बैंक को आकर्षित करने की होड़ लगी है। पाटीदार समाज के बाद अब ओबीसी समुदाय ने भी आरक्षण आंदोलन व अवैध शराब के अड्डों के खिलाफ जनता रेड के दौरान ओबीसी समाज के युवकों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की है। भाजपा सांसद भरत सिंह डाभी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर यह मांग की है। भाजपा सांसद डाभी का कहना है कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदार समाज के कई युवाओं के खिलाफ गंभीर मुकदमे दर्ज हुए थे, सरकार अब तक सौ से अधिक केस वापस ले चुकी है, लेकिन अभी भी कई मामले चल रहे हैं। डाभी का कहना है कि पाटीदार युवकों पर दर्ज केस वापस लिए जाते हैं तो अन्य समाज के युवकों पर चल रहे आपराधिक मुकदमों पर भी सरकार को विचार करना चाहिए।

युवकों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के बारे में सांसद डाभी का कहना है कि आरक्षण आंदोलन के साथ शुरू हुए ओबीसी एकता मंच के आंदोलन तथा शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ किए गए जनता रेड के दौरान ओबीसी समुदाय के युवकों पर दर्ज केस वापस लेना चाहिए। डाभी का कहना है कि फिल्म पदमावत को लेकर गुजरात में करणी सेना ने जो आंदोलन किया था, उस दौरान राजपूत युवकों पर भी केस दर्ज किए गए थे। सांसद का कहना है कि जब आंदोलन समाप्त हो चुके हैं तो अब इनसे जुड़े केस को चलाना जायज नहीं है। अगर पाटीदार समाज के युवकों पर लगे केस वापस लिए जा सकते हैं तो अन्य समुदाय को भी इसका लाभ देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि उत्तर गुजरात की करीब तीन दर्जन विधानसभा सीट पर ओबीसी मतबैंक निर्णायक होता है।


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