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Gujarat: भरूच क्षेत्र से भाजपा सांसद मनसुख भाई वसावा ने दिया इस्‍तीफा, अध्‍यक्ष बोले-मुझे नहीं मिला

गुजरात के भरूच लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद मनसुख भाई वसावा (Mansukh Bhai Vasava) ने भारतीय जनता पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सांसद वसावा इससे पहले भी कई बार भाजपा व सरकार के रवैया को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 01:27 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 04:08 PM (IST)
Gujarat:  भरूच क्षेत्र से भाजपा सांसद मनसुख भाई वसावा ने दिया इस्‍तीफा, अध्‍यक्ष बोले-मुझे नहीं मिला
भाजपा के सांसद मनसुख भाई वसावा का इस्‍तीफा

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के भरूच लोकसभा क्षेत्र (Bharuch Lok Sabha constituency) से भाजपा के सांसद मनसुख भाई वसावा (Mansukh Bhai Vasava) ने आदिवासी गांव को इको सेंसेटिव जोन में शामिल करने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी को इस्तीफा सौंप दिया है आगामी बजट सत्र में लोकसभा से इस्तीफा देने का भी ऐलान किया है। सरकार की ओर से आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के 121 गांव को इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित किया गया है सांसद मनसुख धनजी भाई वसावा इसका विरोध कर रहे हैं।

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 सांसद वसावा इससे पहले भी कई बार भाजपा व सरकार के रवैया को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल को भेजे गए अपने पत्र में वसावा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है उनके मूल्य व आदर्श भाजपा के अनुसार रहे हैं तथा अपनी योग्यता में विवेक से अधिक पार्टी ने दिया ऐसा उनका मानना है। इससे आगे बसावा का कहना है कि मैं सामान्य व्यक्ति हूं तथा आदिवासियों से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर व्यक्तिगत रूप से ऐसा है जाने के कारण वे अब भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं रह सकते।

गुजरात प्रदेश भाजपा के सांसद मनसुख भाई वसावा अपना इस्तीफा आगामी बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से मिलकर देने वाले हैं। गौरतलब है कि गुजरात में शराबबंदी आदिवासियों से जुड़े जल जंगल और जमीन के मामले तथा इको सेंसेटिव जोन को लेकर सांसद वसावा कई बार मुखर रहे हैं तथा केंद्र व राज्य सरकार को इस संबंध में अवगत भी करा चुके हैं।

वसावा के इस्तीफे के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा है कि उन्हें इस्तीफा नहीं दिया है और पार्टी को ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। उधर इस्तीफा दिए जाने के बाद से सांसद वसावा भूमिगत हो गए हैं वहीं उनके समर्थक उनके घर पर जमा हो गए हैं समर्थकों का मानना है कि इको सेंसेटिव जोन का मुद्दा काफी गंभीर है किस से किसानों की निजी जमीन के उपयोग में भी परेशानी होगी तथा जलवा जंगल की संपदा के उपयोग करने पर भी रोक लग जाएगी। नर्मदा के जिन सवा सौ गांवों को इको सेंसेटिव जोन के भीतर घोषित किया गया है यह सभी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी के आसपास के हैं। इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ए आई एम आई एम तथा भारतीय ट्राइबल पार्टी के बीच हुए ताजा गठबंधन के बाद भाजपा में एक नया संकट खड़ा हुआ है ।


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