Move to Jagran APP

Gujarat: जिग्नेश मेवाणी एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित

Gujarat भावनगर जिले में विगत दिनों एक सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या के मामले को विधानसभा में उठाने को लेकर निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। इस मामले में राजनीति गरमाने के आसार हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 07:00 PM (IST)
Gujarat: जिग्नेश मेवाणी एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित
जिग्नेश मेवाणी एक दिन के लिए सदन से निलंबित। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के भावनगर जिले में विगत दिनों एक सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या के मामले को विधानसभा में उठाने को लेकर निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। उत्तर गुजरात की वडगाम सीट से विधायक चुने गए जिग्नेश मेवाणी लगातार दूसरे दिन भावनगर जिले में एक दलित सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या के मामले को विधानसभा में उठाना चाहते थे। मेवाणी नए विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी से दरखास्त करते हुए कहा कि गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा इस घटना के लिए आरोपित पुलिस निरीक्षक को सस्पेंड करें। मेवाणी का यह भी आरोप था कि सरकार से संबंधित कुछ नेता आरोपित पुलिसकर्मी को बचा रहे हैं।

loksabha election banner

गुरुवार को भी निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया था। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बार-बार रोके जाने के बावजूद मेवाणी नहीं माने तो उन्हें एक दिन के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया। गुरुवार को भी विधानसभा अध्यक्ष ने मेवाणी को उनकी बात नहीं मानने पर सार्जेंट के जरिए सदन से बाहर करा दिया था। मेवाणी बाद में न्याय की मांग को लेकर हाथ में तख्ती लेकर विधानसभा के सामने बैठ गए। करीब 17 दिन पहले भावनगर के कार्यकर्ता अमरा भाई बोरीचा की कुछ लोगों ने घर में घुसकर हत्या कर दी थी। बोरीचा ने कुछ दिन पहले ही स्थानीय पुलिस को जानकारी कम होने की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह लापरवाही का रवैया बरता। निर्दलीय विधायक जिग्नेश का कहना है कि आखिर सरकार एक पुलिसकर्मी को क्यों बचाना चाह रही है। दलित कार्यकर्ता की हत्या के बावजूद पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

गुजरात में गत विधानसभा चुनाव में पाटीदार युवा नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्‍पेश ठाकोर तथा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने खूब ध्‍यान खींचा, लेकिन इस बार स्‍थानीय निकाय चुनाव में इनका तेज फीका पड़ गया। 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन, ओबीसी एकता तथा दलित आंदोलन की आंच से निकले हार्दिक, अल्‍पेश व जिग्‍नेश अब अलग-अलग मोर्चे पर खड़े हैं। हार्दिक जहां गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष बन गए। वहीं, अल्‍पेश ठाकोर भाजपा के स्‍टार प्रचारक बनकर नेपथ्‍य में हैं। जिग्‍नेश मेवाणी ने कुछ हद तक प्रदेश तथा राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन स्‍थानीय निकाय चुनाव में ना वे किसी के साथ नजर आ रहे हैं और ना ही विरोध में। इस चुनाव में किसी युवा नेता की चर्चा है तो वे हैं गुजरात के गृह राज्‍यमंत्री पर जूता फेंककर चर्चा में आए पाटीदार नेता गोपाल ईटालिया। अहमदाबाद व सूरत दोनों ही शहरों में आप ने जमीनी स्‍तर पर काम किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.